Impact: बिहार के बेगूसराय निवासी अंकित कुमार की दिल की सर्जरी एम्स दिल्ली में हुई है। 6 वर्ष से, अंकित ने अपने बेटे (Impact) अयांश को एम्स में इलाज नहीं दिया। 6 साल में तीन बार सर्जरी का समय भी बताया गया था, लेकिन डॉक्टर ने बेड की कमी का हवाला देकर ऑपरेशन नहीं किया। अंकित एम्स के चारों ओर घूम रहा था, लेकिन कोई नहीं सुन रहा था। उसने एम्स में अपने बेटे का उपचार करने की उम्मीद खत्म कर दी थी। बच्चे को एम्स में हार्ट सर्जरी की गई है और अब वह स्वस्थ है।
कुछ दिन पहले इस मामले को लेकर खबर (Impact) प्रकाशित हुई थी। खबर प्रकाशित होने के बाद एम्स प्रशासन हरकत में आया। एम्स निदेशक ने मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई और कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लापरवाही पाई गई। मामले का संज्ञान लेते हुए एम्स प्रशासन ने अंकित को फोन कर उसके बेटे को सभी टेस्ट के लिए बुलाया। हार्ट टेस्ट की रिपोर्ट ठीक आने के बाद शनिवार को बच्चे की सर्जरी की गई। 6 साल से एम्स में इलाज के लिए तरस रहे अयांश का इंतजार अब खत्म हो गया है।
मुख्य बातें:
- बेगूसराय के रहने वाले अंकित कुमार के बेटे आयांश को जन्म से ही दिल की बीमारी थी।
- एम्स में 6 साल तक इलाज नहीं मिलने के बाद, अंकित ने टीवी9 डिजिटल से संपर्क किया।
- खबर प्रकाशित होने के बाद एम्स प्रशासन हरकत में आया और बच्चे की सर्जरी हुई।
- 4 घंटे तक चली सर्जरी सफल रही और आयांश अब स्वस्थ है।
जन्म से दिल की बीमारी थी
जन्म के साथ ही अंकित के बेटे आयांश को दिल की (Impact) बीमारी हुई। बिहार में उन्होंने अपने बेटे का इलाज शुरू किया, लेकिन उसे आराम नहीं मिला। किसी ने उनसे कहा कि उन्हें एम्स, दिल्ली में इलाज कराना चाहिए। बेटे को लेकर एम्स दिल्ली आया। यहां, उसकी ओपीडी और सभी जांच की गई। उसने फिर कहा कि बच्चे का दिल बहुत खराब है और सर्जरी की जाएगी। एमएस से सर्जरी के लिए बार-बार दिन मिलते रहे। AIIMS प्रशासन ने भी अंकित के बेटे का इलाज करने के लिए धन और ब्लड दिया था, लेकिन सर्जरी नहीं की गई। हर बार जब वह सर्जरी वाले दिन एम्स जाता वापस भेज दिया जाता था।
T20 World Cup: 17 साल के बाद भारतीय टीम को मिली जीत, सीएम योगी समेत कई नेताओं ने दी बधाई
जो काम 6 साल से नहीं हुआ, वो चंद दिनों में हो गया
अयांश के पिता अंकित कुमार ने बताया कि (Impact) जो काम 6 साल से अटका हुआ था, वो चंद दिनों में हो गया। अंकित ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल में इस सर्जरी में 12 से 15 लाख रुपए खर्च होते। उनके पास इतने पैसे नहीं थे। इसलिए उन्होंने एम्स में इलाज शुरू करवाया, लेकिन बेड या डॉक्टर की कमी का हवाला देकर इलाज से मना कर दिया गया, लेकिन अब उनके बेटे की हार्ट सर्जरी हो गई है और वो बेहद खुश हैं। उनका बेटा स्वस्थ है और अगले 24 घंटे तक डॉक्टरों की निगरानी में रहेगा।
4 घंटे तक चली सर्जरी
यह ऑपरेशन एम्स के कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में किया गया। विभाग के डॉ. एके बिश्नोई की देखरेख में बच्चे का इलाज किया गया। इस मामले में एम्स ने कहा कि बच्चे की सर्जरी न हो पाने के मामले को गंभीरता से लिया गया। सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बच्चे का इलाज किया गया है। यह सर्जरी करीब 4 घंटे तक चली। इसमें एम्स के कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग, एनेस्थीसिया विभाग और बाल रोग विभाग के विशेषज्ञ शामिल थे।