Inflation: टमाटर, प्याज और आलू फिर से रसोई का बजट बिगाड़ रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर में खुदरा बाजार में टमाटर के दाम 100 रुपये किलो पर पहुंच गए हैं। हाल ही में पड़ रही भीषण गर्मी ने टमाटर की आवक को प्रभावित किया है। वहीं आलू 40 रुपये और प्याज 50 रुपये किलो पर पहुंच गए हैं।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार टमाटर का औसत दाम 58.25 रुपये किलो है। हालांकि कई शहरों में दाम 130 रुपये किलो पर पहुंच गए हैं। (Inflation) व्यापारियों के अनुसार हाल ही में पड़ रही भीषण गर्मी ने टमाटर के उत्पादन पर बुरा असर डाला है। इस कारण दाम लगातार बढ़ रहे हैं।
पिछले कुछ हफ्तों में, बाज़ार में सब्जियों के दामों में (Inflation) लगातार वृद्धि देखी जा रही है। टमाटर, प्याज, आलू और हरी सब्जियों जैसे खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही हैं।
दामों में वृद्धि के कारण:
- असमय की बारिश और खराब मौसम: कुछ प्रमुख सब्जी उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश और खराब मौसम के कारण फसलें नष्ट हो गई हैं, जिससे आपूर्ति कम हो गई है।
- ईंधन की बढ़ती कीमतें: परिवहन लागत में वृद्धि के कारण भी सब्जियों के दाम बढ़ रहे हैं।
- मांग में वृद्धि: त्योहारों के मौसम की शुरुआत और गर्मी के मौसम में सब्जियों की मांग बढ़ने से भी दामों में वृद्धि हुई है।
एनसीआर में मदर डेयरी के सफल स्टोर्स में टमाटर 75 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। हालांकि, थोक बाजार में यह 50-60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। ऑनलाइन भी टमाटर की कीमतें ऊंची बिक रही हैं। ब्लिंकिट पर यह 100 रुपये में बिक रहा है। मंत्रालय के मुताबिक आलू भी 40 रुपये के पार पहुंच गया है, जबकि प्याज 50 रुपये प्रति किलो है।
टमाटर और प्याज का असर, जून में शाकाहारी थाली 10% महंगी हुई, मांसाहार सस्ता
टमाटर, आलू और प्याज की बढ़ती कीमतों का (Inflation) सीधा असर दूसरे महीने में भी शाकाहारी थाली पर देखने को मिला है। जून में शाकाहारी थाली सालाना आधार पर 10% महंगी होकर 29.40 रुपये पर पहुंच गई है। जून 2023 में इसकी कीमत 26.7 रुपये थी। क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, मई के 27.80 रुपये के मुकाबले कीमत में 5.75% की बढ़ोतरी हुई है।
इन सब्जियों के दामों में उछाल:
- टमाटर: टमाटर के दाम 40 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं।
- प्याज: प्याज के दाम भी बढ़कर 30-40 रुपये प्रति किलो हो गए हैं।
- आलू: आलू के दाम 20-25 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 30-35 रुपये प्रति किलो हो गए हैं।
- हरी सब्जियां: हरी सब्जियों जैसे कि भिंडी, पालक, और मेथी के दाम भी 20-30 रुपये प्रति किलो बढ़ गए हैं।
क्रिसिल ने शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में कहा, चिकन की कीमतों में सालाना (Inflation) आधार पर 14 फीसदी की कमी आई है। मांसाहारी थाली में इसका योगदान 50 फीसदी है। जून में मांसाहारी थाली की कीमत चार फीसदी घटकर 58.30 रुपये रह गई है। जून 2023 में इसकी कीमत 60.50 रुपये थी। मई के 55.90 रुपये के मुकाबले यह 4.29 फीसदी महंगी है।
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कैसे बढ़ी महंगाई और कितना हुआ इजाफा
सालाना आधार पर टमाटर की कीमत में 30 फीसदी, आलू में 59 फीसदी और प्याज में 46 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। चावल 13 फीसदी और दालें 22 फीसदी महंगी हुई हैं। मासिक आधार पर टमाटर 29 फीसदी, आलू 9 फीसदी और प्याज 15 फीसदी महंगा हुआ है। क्रिसिल के आंकड़ों से अनाज, दालें, चिकन, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस समेत उन सामग्रियों का भी पता चलता है, जो थाली की कीमत में बदलाव लाती हैं।
सरकारी उपाय:
सरकार ने सब्जियों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कुछ उपाय किए हैं, जैसे कि बफर स्टॉक से अतिरिक्त आपूर्ति जारी करना और आयात शुल्क कम करना।
उपभोक्ताओं पर प्रभाव:
सब्जियों की बढ़ती कीमतों का आम आदमी के बजट पर सीधा असर पड़ रहा है। कम आय वाले परिवारों के लिए, यह एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि वे अपनी थाली में सब्जियों की मात्रा कम करने को मजबूर हैं।
यह उम्मीद की जाती है कि आने वाले हफ्तों में सब्जियों की कीमतों में गिरावट आ सकती है, क्योंकि नई फसलें बाजार में आना शुरू हो जाएंगी।