ईरान पर नेतन्याहू का बड़ा बयान: जल्द करेंगे हमला, इस्लामिक राष्ट्र से फिर बनाएंगे ‘महान पर्शिया’

Iran
तेल अवीव, 30 सितंबर 2024: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बड़ा ऐलान किया है कि जल्द ही वह Iran पर हमला करेंगे और उसे इस्लामिक गणराज्य से हटाकर ‘महान पर्शिया’ की ओर वापस ले जाएंगे। नेतन्याहू का यह बयान तब आया है जब इजराइल ने हाल ही में हिजबुल्ला और हमास के प्रमुखों को मार गिराने में बड़ी सफलता हासिल की है। अब इजराइल हमास और हिजबुल्ला के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के लिए पूरी तरह तैयार है।
हिजबुल्ला प्रमुख नसरल्लाह का सफाया

कुछ दिनों पहले इजराइल ने हमास प्रमुख को मार गिराया था, और अब हिजबुल्ला के नेता हसन नसरल्लाह को भी निशाने पर ले लिया है। इजराइल के हवाई हमलों में बेरूत के हिजबुल्ला मुख्यालय पर बंकरभेदी बम गिराए गए, जिसमें नसरल्लाह के मारे जाने की पुष्टि हो गई है। यह कदम इजराइल की सबसे बड़ी कामयाबियों में गिना जा रहा है, क्योंकि अब उसका ध्यान हिजबुल्ला की पूरी ताकत को खत्म करने पर है।

Iran पर बढ़ता दबाव, क्या युद्ध होगा और भयंकर?

हालांकि Iran अब तक इस संघर्ष में नरम रुख अपनाए हुए था, लेकिन नसरल्लाह की मौत के बाद मध्यपूर्व की स्थिति और जटिल हो सकती है। ईरान ने आपातकालीन बैठक बुलाई है, और अगर वह इस संघर्ष में सीधे तौर पर कूदता है, तो यह क्षेत्रीय युद्ध और भयंकर हो सकता है। अप्रैल में इजराइल ने ईरान पर हमले किए थे, लेकिन वह संघर्ष आगे नहीं बढ़ा था। अब ईरान पर अपने रुख को लेकर दबाव बढ़ गया है, और यह देखना होगा कि वह किस तरह प्रतिक्रिया देता है।

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हिजबुल्ला के हथियार अभी भी हैं खतरनाक

इजराइल का दावा है कि हिजबुल्ला की कमर टूट चुकी है, लेकिन संगठन के पास अभी भी भारी मात्रा में हथियार मौजूद हैं। इजराइल का ध्यान अब इन हथियारों को नष्ट करने पर है, क्योंकि हिजबुल्ला अभी भी इजराइल के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है।

सुरक्षा परिषद की भूमिका पर सवाल

इस संघर्ष के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देश अपने निजी स्वार्थों के चलते चुप्पी साधे हुए हैं। इजराइल द्वारा गाजा पट्टी और लेबनान में आम नागरिकों की मौत और भारी विनाश ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चिंतित किया है, लेकिन कोई ठोस कदम अभी तक नहीं उठाया गया है।

आने वाले दिनों में क्या होगा?

Iran अगर इस संघर्ष में खुलकर शामिल होता है, तो पूरे मध्यपूर्व में स्थितियां और गंभीर हो सकती हैं। इसके साथ ही अरब देशों पर भी दबाव बढ़ेगा कि वे अपनी स्थिति स्पष्ट करें। नेतन्याहू के हालिया बयान से स्पष्ट है कि इजराइल इस संघर्ष में किसी भी तरह की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा।

आर-पार की लड़ाई होगी

नेतन्याहू के इस बयान के बाद यह साफ है कि इजराइल हमास और हिजबुल्ला के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा और ईरान पर भी जल्द ही कार्रवाई हो सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मध्यपूर्व की यह स्थिति किस दिशा में बढ़ती है।

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