Jitin Prasada Resign: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद ने अपने पद से इस्तीफा (Jitin Prasada Resign) दे दिया है और अब वह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी संभालेंगे। मोदी 3.0 सरकार में उन्हें वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है।
केंद्र में मिली राज्यमंत्री की जिम्मेदारी
जितिन प्रसाद, जिन्होंने उत्तर प्रदेश की पीलीभीत लोकसभा सीट से चुनाव जीता था, ने 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्र में मंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद उन्हें वाणिज्य, उद्योग और सूचना मंत्रालय में राज्य मंत्री की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई। उन्हें उत्तर प्रदेश से प्रमुख ब्राह्मण चेहरे के रूप में पीएम मोदी की सरकार में शामिल किया गया है।
जितिन प्रसाद ने 2021 में कांग्रेस से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए थे। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें विधान परिषद में भेजा और 2022 में योगी आदित्यनाथ सरकार में उन्हें लोक निर्माण विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया। पीडब्ल्यूडी मंत्री के रूप में, जितिन प्रसाद ने यूपी में अपने काम की छाप छोड़ी है।
जितिन प्रसाद का राजनीतिक करियर
जितिन प्रसाद का परिवार राजनीतिक पृष्ठभूमि से है। उनके दादा ज्योति प्रसाद और पिता जितेंद्र प्रसाद दोनों कांग्रेस के प्रमुख नेता थे। उनके पिता कांग्रेस के थिंक टैंक माने जाते थे। जितिन प्रसाद ने भी कांग्रेस पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। 2004 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर शाहजहांपुर सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
जितिन प्रसाद यूपीए-1 और यूपीए-2 दोनों सरकारों में केंद्रीय मंत्री बने। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें धौरहरा सीट से हार का सामना करना पड़ा, फिर 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें हार मिली। लगातार हार के बाद उनका पार्टी में कद कम हो गया, जिसके चलते उन्होंने 2021 में बीजेपी का दामन थाम लिया।
बीजेपी ने 2024 के चुनाव में जितिन प्रसाद को वरुण गांधी की पीलीभीत सीट से मैदान में उतारा, जिसमें उन्होंने सपा प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार को 164,935 वोटों से हराया।