Kerla News : ओडिशा के दो डॉक्टर सोमवार (29 जुलाई) को अपने परिवारों के साथ केरल में छुट्टियां मनाने गए थे, लेकिन फिलहाल वे लापता हैं। यह घटना तब हुई है जब केरल का वायनाड विनाशकारी भूस्खलन से प्रभावित है, जिसमें कम से कम 158 लोगों की मौत हो चुकी है और मलबे में दबे लोगों की खोज के दौरान मृतकों की संख्या में वृद्धि की आशंका है।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार (29 जुलाई) को केरल गए ओडिशा के डॉक्टर लापता हो गए हैं। इस बीच, ओडिशा के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त केरल के अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। मंत्री ने बताया कि डॉ. बिष्णु रसद चिन्हारा और डॉ. स्वाधीन पांडा अपनी पत्नियों के साथ केरल में छुट्टियां मना रहे थे।
कैबिनेट मंत्री ने डॉक्टरों के घर पहुंचने की जताई उम्मींद
इस बीच, ओडिशा के कैबिनेट मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि लापता दोनों डॉक्टर और उनकी पत्नियां जल्द ही ओडिशा में अपने परिवारों से मिल सकेंगे। हालांकि स्थानीय प्रशासन ने उनकी पत्नियों का पता लगा लिया है, लेकिन दोनों डॉक्टरों के बारे में अभी भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। वर्तमान में, वायनाड में एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं और जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए खोजी कुत्तों का उपयोग किया जा रहा है।”
चूरल माला पहाड़ी में आया बाढ़ से भूस्कलन
यह दंपति 29 जुलाई को वायनाड पहुंचे और लिनोरा विला होटल में चेक-इन किया। हालांकि, सोमवार रात को मेप्पाडी और चूरल माला पहाड़ी इलाकों में हुए भूस्खलन के कारण क्षेत्र में बाढ़ आ गई। इस बीच, डॉ. बिष्णु रसद चिन्हारा के पिता, अमर प्रसाद चिन्हारा ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे से आखिरी बार सोमवार रात बात की थी, जब वह होटल में ठहरे थे। उन्होंने कहा, “मेरी बहू को मंगलवार (30 जुलाई) को बचा लिया गया और उसने किसी और के मोबाइल फोन से कॉल किया। वे भूस्खलन में सब कुछ खो चुके हैं। फिलहाल, मेरे बेटे के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।