Lakhimpur Kheri: लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के सिलसिले में जेल में बंद पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत मिल गई है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुनवाई में तेजी लाने और समय तय करने का निर्देश दिया है।
अक्टूबर 2021 में Lakhimpur Kheri के तिकुनिया में उस समय हिंसा भड़क गई थी, जब किसान यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे। इस हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी। यूपी पुलिस की एफआईआर के मुताबिक, चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया था, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे। इससे पहले पिछले साल 25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत दी थी।
9 अक्टूबर 2021 को आशिष गिरफ्तार
तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के छह दिन बाद (Lakhimpur Kheri) आशीष को 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। यूपी पुलिस की एफआईआर के मुताबिक, चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया था, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे। इसके बाद, एसयूवी चला रहे व्यक्ति और दो भाजपा कार्यकर्ताओं को गुस्साए किसानों ने कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला। एफआईआर में कहा गया है कि हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई।
सुप्रीम कोर्ट ने तब इन शर्तों के साथ जमानत दी थी
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जनवरी में मिश्रा को अंतरिम जमानत देते हुए कई शर्तें लगाई थीं। कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि आशीष मिश्रा (Lakhimpur Kheri) को अपनी रिहाई के एक हफ्ते के भीतर उत्तर प्रदेश (यूपी) छोड़ना होगा। वह यूपी या दिल्ली/एनसीआर में नहीं रह सकता। उसे अपने स्थान के बारे में (Lakhimpur Kheri) अदालत को सूचित करना होगा और उसके परिवार के सदस्यों या खुद मिश्रा द्वारा गवाहों को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास के परिणामस्वरूप उसकी जमानत रद्द हो जाएगी। कोर्ट ने कहा कि मिश्रा को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा। वह मुकदमे की कार्यवाही में भाग लेने के अलावा यूपी में प्रवेश नहीं करेगा।