Lok Sabha 2024: कहते हैं रास्ते अगर एक हो तो ये माना जा सकता है कि राहगीर उसी रास्ते पर जायेगा लेकिन अगर कोई मनचला किसी चौराहे पर खड़ा हो तो ये समझ पाना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है कि वो कब किस रास्ते का रुख कर ले अब आपको ये लग रहा होगा कि हम अचानक से ऐसी बात क्यों करने लगे दरअसल कैसरगंज की लोकसभा सीट (Lok Sabha 2024) पर बीजेपी किसको टिकट देगी इस पर अटकलें तेज़ हो रही है.
तो इसी बीच बृजभूषण शरण सिंह ने एक पोस्ट साझा किया है जिसमें वो कुछ इस अंदाज में दिख रहें हैं जिसको देख कर हर कोई ये सोचने पर मजबूर हो गया है कि आखिर बृजभूषण शरण सिंह क्या संदेश देना चाहते हैं .
बृजभूषण ने पोस्ट में लिखा
बीजेपी के दिग्गज नेता कहे जाने वाले बृजभूषण शरण सिंह इस समय सुर्खियों में ज्यादा है वजह है उनकी एक पोस्ट दरअसल हाल ही में उनके द्वारा एक पोस्ट शेयर किया गया जिसमें साफ दिखाई दे रहा कि सांसद ने ठीक उसी रंग की पगड़ी बांध रखी है जैसे सपा की है, बसपा का रंग यानी नीले कलर का गमछा ओढ़ रखा है तो वहीं सांसद ने पोस्ट करते हुए लिखा कि कैसरगंज (Lok Sabha 2024) की जनता का सुख-दुख मेरा सुख-दुख है इनके पास आकर ऐसा लगता है जैसे मैं अपने परिवार (मोदी का परिवार) के पास आया हूं और मोदी जी के परिवार ने ठाना है कि अबकी बार 400 पार पहुंचाना है।
कैसरगंज सीट पर कौन होगा भाजपा का उम्मीदवार
गौरलतब हो कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें है जिनमें से बीजेपी ने 63 सीटों पर अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है और बाकी की 17 सीटों पर अभी चुप बैठी है तो वहीं दूसरी तरफ अन्य पार्टियों ने भी कैसरगंज लोकसभा सीट पर चुप्पी साध रखी है अब ऐसे में कयास ये लगाये जा रहें हैं कि कहीं बीजेपी बृजभूषण को छोड़ न दे लोगों की नज़रें इस बात पर आकर टिक गई है क्या बीजेपी छह बार के सांसद और तीन बार से कैसरगंज के विजेता को टिकट देगी।
नहीं कुछ लोंगों का ये भी कहना है कि लाल पगड़ी और नीले गमछे से बृजभूषण ये मैसेज देना चाहते है कि अगर बीजेपी से उनको टिकट नहीं मिला तो उन्हें सपा या फिर बसपा के सिंबल से चुनावी मैदान में उतरने में कोई हर्ज नहीं है। आपको बता दें बृजभूषण शरण सिंह दो बार गोण्डा एक बार बहराइच और तीन बार से लगातार कैसरगंज से विजयी बने हैं।
2014 में की भाजपा में वापसी
बतातें चलें की 2008 में आए अविश्वास प्रस्ताव में क्रास वोटिंग के आरोप में बीजेपी ने बृजभूषण को पार्टी से निकाल दिया जिसके बाद हुए चुनाव में सिंह ने समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की 2014 चुनाव से पहले घर वापसी कर ली बीजेपी के टिकट से चुनावी मैदान में आए और कैसरगंज सीट से ही एक बार फिर से संसद पहुंचे।
क्यों लग रहीं है टिकट कटने की अटकलें
बृजभूषण शरण सिंह के टिकट कटने की वजह महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोप और डब्ल्यूएफआई के परिणाम के बाद की गई नारेबाजी की वजह बतायी जा रही है महिला पहलवान राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर ब़ृजभूषण के खिलाफ धरने पर बैठी थीं उसके थोड़े दिन बाद ही WFI के चुनाव में बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह को अध्यक्ष निर्वाचित कर दिया गया जिसके बाद उनके समर्थकों ने बृजभूषण को फूल माले से लाद दिया तब सिंह ने नारा दिया दबदबा तो है, दबदबा तो रहेगा।
बीजेपी ने बृजभूषण को अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भी जगह नहीं दी वो जिस लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं उसके आस पास की सभी सीटों पर पार्टी ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं गोण्डा से कीर्तिवर्धन सिंह, बहराइच से सांसद अक्षयवर लाल गोंड के बेटे डाक्टर आनंद गोंड को तो वहीं श्रावस्ती से साकेत मिश्रा को मैदान में उतारा है लेकिन पार्टी ने अभी तक कैसरगंज सीट पर अपना पत्ता नहीं खोला अब जब पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट कट गया है तो बृजभूषण पर सस्पेंस हो गया है।