Lok Sabha Election 2024 : देशभर में लोकसभा चुनाव 2024 का खुमार ज़ोरो पर है चार चरणों के मतदान हो चुके हैं जिनके बाद 20 तारीख को पांचवे चरण का मतदान है। इस चरण में आठ राज्यों की 49 सीटों पर मतदान होना है। इसी बीच ADR यानी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स संगठन ने एक के बाद एक हो रहे मतदानों के प्रतिशतों को साझा करने में हो रही देरी को लेकर सूप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए मतदान के पहले दो चरणों को लेकर याचिका दर्ज की है।
सुप्रीम कोर्ट ने EC से किया सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने ADR द्वार दर्ज की गई याचिका को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि मतदान प्रतिशत साझा करने में देरी क्यों हो रही है? इस पर आयोग का कहना है कि पोल पैनल ने शुरु में जो अनुमान के अनुसार मतदान के आंकड़े जारी किए थे, उसमें पाया गया कि मतदान प्रतिशत के आंकड़ों को साझा करने में पिछली बार करे मुकाबले काफी देरी से अपलोड किए जा रहे हैं। और जबकि इनको टाइम के मुताबिक जल्दी ही साझा का जाना चाहिए। इसके साथ ही सामने आए आंकड़ों को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने संदेह दर्शाया है।
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सुप्रीम कोर्ट में आए इस मामाले को लेकर मुख्य न्यायधीश डी.वाई चंद्रचूर्ण ने अपने तीन साथी जजों के साथ चुनाव आयोग के वकील से पूछा की मतदान के फेज़ के दौरान चुनावी अधिकारी समयांतराल पर मतदान का पूरा रिकॉर्ड जमा करता है। जिसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर के पास निर्वाचन क्षेत्र का भी डेटा होता है। आपको बता दें कि चुनाव संचालन के नियमों के मुताबिक 1961 के 49एस और नियम 56 सी के तहत पीठासीन अधिकारी को फॉर्म 17 सी में दर्ज वोटों का लेखा जोखा तैयार करना होता है।
कोर्ट ने जारी की सुनवाई की अगली तारीख
एनजीओ के याचिका दायर करते हुए कहा कि मतदान प्रतिशत में देरी होने के साथ साथ बताया कि चुनाव आयोग ने मतदान के बाद चुनाव का अनुमानित डेटा सामने रखा जिसमें प्रतिशत आंकड़ों में बढञोतरी देखी गई है। इसको लेकर जब चुनाव आयोग से सुप्रीम कोर् ने सवाल किया तो चुनाव आयोग ने इस पर अऑभी कोई जवाब देने के लिए समय मांगा है। और मामले की अगली सुनवाई को बढ़ाकर 24 मई को कर दिया है।