Lok Sabha Election 2024: आम और ढोलक के लिए मशहूर अमरोहा कभी किसी राजनीतिक दल का गढ़ नहीं रहा। इसे अक्सर कमाल अमरोही और जॉन एलिया जैसे साहित्यिक दिग्गजों की भूमि के रूप में जाना जाता है। 1957 के बाद से अमरोहा में लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Election 2024) में लगातार आश्चर्यजनक परिणाम आए हैं। इस संसदीय सीट के लिए लगभग 17 चुनाव हुए हैं, हर बार मतदाताओं ने अप्रत्याशित परिणाम दिए हैं। जैसे-जैसे 2024 में फिर से लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, सभी पार्टियां मतदाताओं तक पहुंचना शुरू कर चुकी हैं।
अमरोहा का इतिहास
गंगा के दोनों किनारों पर लगभग 16 लाख मतदाताओं को शामिल करने वाला अमरोहा लोकसभा क्षेत्र, श्रीकृष्ण की भूमि और कौरवों और पांडवों की युद्धभूमि के रूप में ऐतिहासिक महत्व रखता है। इसमें वासुदेव तीर्थ और राजा सगर के सौ पुत्रों का मुक्ति धाम है, जो विशाल कदंब के पेड़ों से घिरा हुआ है।
इस क्षेत्र में लाल और काले पत्थरों से निर्मित विशाल कुएं हैं, जो प्रमुख आकर्षण के रूप में कार्यरत हैं। विश्व स्तर पर सबसे बड़े बालिका गुरुकुल का स्थान अमरोहा है, जहां की छात्राओं ने तीरंदाजी प्रतियोगिताओं में ख्याति अर्जित की है, जिससे अमरोहा की पहचान में एक नया आयाम जुड़ा है।
चेतन चौहान और मोहम्मद शमी जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित एथलीटों के साथ-साथ कमाल अमरोही और जॉन एलिया जैसी बॉलीवुड हस्तियों ने खेल और साहित्य में अपनी उपलब्धियों से अमरोहा की प्रतिष्ठा को और ऊंचा किया है।
अमरोहा का जातीय समीकरण
अमरोहा लोकसभा क्षेत्र (Lok Sabha Election 2024) में लगभग 16 लाख मतदाता हैं, जिनमें 829,446 पुरुष और 714,796 महिला मतदाता हैं। इस सीट पर दलित, सैनी और जाट मतदाताओं का दबदबा है, जबकि मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 20% से अधिक है। जाट, सैनी और खड़गवंशी भी मुस्लिम-दलित गठजोड़ को कड़ी टक्कर देते हैं। ऐतिहासिक रूप से, अमरोहा बाहरी दावेदारों के नियंत्रण में रहा है।
अमरोहा का राजनैतिक इतिहास
अमरोहा के संसदीय (Lok Sabha Election 2024) इतिहास का विश्लेषण करें तो 1952 से 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस ने तीन बार जीत हासिल की, उसके बाद दो बार सीपीआई को जीत मिली। 1977 और 1980 में, जनता पार्टी विजयी हुई, जबकि 1984 में कांग्रेस ने जीत हासिल की, और 1989 में जनता दल ने जीत हासिल की। 1991 के बाद, 1998 में, पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए इस सीट से संसद सदस्य के रूप में चुने गए।
अमरोहा का सियासी समीकरण
2019 के आंकड़ों पर गौर करें तो, अमरोहा लोकसभा क्षेत्र (Lok Sabha Election 2024) में लगभग 16 लाख मतदाता हैं, जिनमें लगभग 829,446 पुरुष मतदाता और 714,796 महिला मतदाता हैं। 2014 में यहां मतदान प्रतिशत करीब 71 फीसदी था। इस निर्वाचन क्षेत्र में दलित, सैनी और जाट मतदाताओं की अच्छी खासी मौजूदगी है।
इसके अतिरिक्त, मुस्लिम वोटों की संख्या 20% से अधिक है। गंगा के किनारे स्थित इस जिले में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें धनौरा, नौगावां सादात, अमरोहा, हसनपुर और गढ़मुक्तेश्वर शामिल हैं। गन्ने के अलावा अमरोहा में कपास का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है।
2024 में किसे मिलेगी सत्ता?
इस बार 2024 में मतदाताओं में काफी उत्साह है और वे लोकतंत्र में अपने वोट की ताकत दिखाने के लिए ज्यादा उत्सुक और तैयार हैं। आगामी 2024 के चुनावों में, बहुजन समाज पार्टी से मुजाहिद हुसैन, भारतीय जनता पार्टी से कुंवर सिंह तंवर और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से दानिश अली अमरोहा लोकसभा क्षेत्र से प्रमुख उम्मीदवार हैं।
2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल 1,646,435 मतदाता पंजीकृत थे। उस चुनाव में बसपा प्रत्याशी कुँवर दानिश अली 601,082 वोट पाकर विजयी हुए थे। कुंवर दानिश अली को निर्वाचन क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से 36.51% का समर्थन मिला, जबकि उन्हें 51.39% वोट मिले। 2019 के लोकसभा चुनाव में, भाजपा उम्मीदवार कुंवर सिंह तंवर 537,834 वोट प्राप्त करके इस सीट पर दूसरे स्थान पर रहे, जो कुल मतदाताओं के बीच 32.67% समर्थन और डाले गए वोटों का 45.98% था। 2019 के आम चुनाव में इस सीट पर जीत का अंतर 63,248 था।
2014 में चला था ‘मोदी मैजिक’
इससे पहले 2014 के आम चुनाव के दौरान अमरोहा लोकसभा क्षेत्र में 1,544,245 मतदाता पंजीकृत थे। उस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी कुंवर सिंह तंवर ने कुल 528880 वोट पाकर जीत हासिल की थी। उन्हें निर्वाचन क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से 34.25% का समर्थन प्राप्त हुआ और उन्हें 48.26% वोट प्राप्त हुए।
इस बीच, दूसरे स्थान पर एसपी पार्टी की उम्मीदवार हुमैरा अख्तर रहीं, जो 370,666 मतदाताओं का समर्थन हासिल करने में सफल रहीं, जो कुल मतदाताओं का 24% था, और उन्हें कुल वोटों का 33.82% वोट मिले। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय सीट पर जीत का अंतर 158214 था।
2009 में रालोद ने मारी थी बाजी
इससे पहले 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के अमरोहा संसदीय क्षेत्र में 1,173,915 मतदाता मौजूद थे। इनमें रालोद प्रत्याशी देवेन्द्र नागपाल 283182 वोट पाकर विजयी रहे। देवेन्द्र नागपाल को निर्वाचन क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से 24.12% का समर्थन प्राप्त हुआ और चुनाव में उन्हें 40.09% वोट मिले।
वहीं उस चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे सपा पार्टी के उम्मीदवार महबूब अली, जिन्हें 191099 मतदाताओं का समर्थन मिला था। इस लोकसभा सीट पर कुल वोटों का 16.28% और कुल वोटों का 27.05% वोट पड़े। 2009 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय सीट पर जीत का अंतर 92,083 था।