Lok Sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान सफलतापूर्वक हो गया है। अब तीसरे चरण (Third Phase of Lok Sabha Elections) को लेकर तैयारियां चल रही हैं। 7 मई को तीसरे चरण के लिए मतदान होगा। लेकिन इससे पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट ने सभी को हैरान कर दिया। दरअसल एडीआर की ओर से उम्मीदवारों के एफिडेविट की जांच की गई है। एडीआर की इस जांच में पता चला है कि आम चुनावों के तीसरे चरण में कुल 1,352 उम्मीदवार हैं, इनमें से 18 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक 244 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक रिकॉर्ड हैं। वहीं 38 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन पर महिलाओं के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें दो उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर रेप यानी आईपीसी की धारा 376 और इससे जुड़े आरोप हैं। जबकि उम्मीदवारों में से पांच पर मर्डर और 24 उम्मीदवारों पर हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं।
7 मई को तीसरे चरण के तहत 94 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। एडीआर और द नेशनल इलेक्शन वॉच की तरफ से तीसरे चरण में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के विवरण के विश्लेषण के अनुसार सात उम्मीदवारों ने बताया है कि उन पर पहले दोष साबित हो चुका है।
किस पार्टी के कितने उम्मीदवार? (Lok Sabha Elections 2024)
अगर पार्टियों की बात करें तो राष्ट्रीय जनता दल (RJD) गंभीर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों को टिकट देने में टॉप पर है। तीसरे चरण में आरजेडी के 3 में से 2 उम्मीदवारों यानी 67 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं दूसरे नंबर पर शरद पवार की राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) है। एनसीपी के भी तीन में से दो उम्मीदवार मैदान में हैं। इसके बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना है जिसके पांच में दो प्रत्याशी, जनता दल यूनाइटेड (JDU) के 3 में से एक प्रत्याशी, समाजवादी पार्टी (SP) के 10 में से 4 उम्मीदवार, कांग्रेस के 68 प्रत्याशियों में से 14, बीजेपी के 82 में से 14 उम्मीदवार ऐसे हैं जो तीसरे चरण में हैं, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देशों के बाद भी लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024 Third Phase) के तीसरे चरण में उम्मीदवारों के चयन में राजनीतिक दलों पर कोई असर नहीं हुआ है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक इस चरण में 18 फीसदी अपराधिक प्रवृति के उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है।
इन आंकड़ों से साफ है कि उम्मीदवारों को टिकट देने में सभी पार्टियों ने अपनी पुरानी प्रथा का पालन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी, 2020 के अपने निर्देशों में खासतौर पर कहा था कि राजनीतिक दलों को ऐसे चयन के लिए कारण बताना होगा। साथ ही यह भी बताना होगा कि बिना आपराधिक बैकग्राउंड वाले बाकी व्यक्तियों को उम्मीदवार के रूप में क्यों नहीं चुना जा सकता?