Maharashtra: महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारे में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां अजित पवार गुट के विधायक और राज्य के डिप्टी स्पीकर नरहरी झिरवल ने मंत्रालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगाने की कोशिश की। घटना शुक्रवार, 4 अक्टूबर की है जब झिरवल मंत्रालय पहुंचे थे, लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। गुस्से में आकर उन्होंने मंत्रालय की तीसरी मंजिल से कूदने का प्रयास किया, हालांकि सुरक्षा के लिए लगी जाली ने उनकी जान बचा ली। झिरवल महाराष्ट्र में डिप्टी स्पीकर नरहरी झिरवल ने जताया विरोध, तीसरी मंजिल से कूदे का यह कदम महाराष्ट्र की महायुति सरकार के लिए बड़ी असहज स्थिति पैदा कर सकता है, क्योंकि उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ इस तरह का विरोध दर्ज कराया है।
इस घटना ने राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को हिला कर रख दिया है। धनगर समाज के लिए ST कोटे से आरक्षण की मांग को लेकर झिरवल पिछले कई दिनों से नाराज चल रहे थे, लेकिन उनकी बातें सुनी नहीं गईं। इसी से नाराज होकर उन्होंने यह चरम कदम उठाया, जिसे राज्य की राजनीति में सरकार के खिलाफ उठाए गए बड़े विरोध के रूप में देखा जा रहा है।
विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी झिरवल मंत्रालय की तीसरी मंजिल से कूदे
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— News1India (@News1IndiaTweet) October 4, 2024
विधायकों में नाराजगी, आदिवासी विधायक भी कूदे
नरहरी झिरवल की इस विरोधात्मक कार्रवाई के बाद आदिवासी विधायकों की नाराजगी और भी खुलकर (Maharashtra) सामने आ गई। मंत्रालय में मौजूद अन्य विधायकों ने भी उनके साथ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। कुछ आदिवासी विधायक भी जाली से कूदने का प्रयास करते हुए देखे गए, हालांकि सभी की जान बाल-बाल बच गई। सुरक्षा कर्मियों और पुलिस ने समय रहते स्थिति को संभाल लिया और सभी विधायकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। लेकिन यह घटना सरकार के खिलाफ आदिवासी विधायकों की गहरी नाराजगी को दर्शाती है।
दो दिन से मुलाकात की कोशिशें नाकाम
इससे पहले भी नरहरी झिरवल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात करने का प्रयास कर चुके थे। बताया जा रहा है कि दो दिन पहले वह मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंचे थे, लेकिन उन्हें मुलाकात का समय नहीं मिल पाया। शुक्रवार को फिर से झिरवल मंत्रालय पहुंचे, उम्मीद थी कि इस बार उनकी सीएम से बातचीत हो जाएगी, परंतु ऐसा नहीं हो पाया। इसी कारण गुस्से में आकर उन्होंने मंत्रालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगाने का निर्णय लिया।
प्रियंका चतुर्वेदी का तीखा हमला
इस घटना के बाद शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सरकार पर तीखा हमला (Maharashtra) बोला। उन्होंने कहा, “ये मराठा और ओबीसी समाज को आपस में लड़ाकर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं। महाराष्ट्र में अगर नेताओं का ये हाल हो गया है, तो आम जनता का क्या हाल होगा?” चतुर्वेदी का यह बयान सरकार की नीति और विधायकों के असंतोष को खुलकर उजागर कर रहा है।
सरकार पर बढ़ता दबाव
इस घटना के बाद महाराष्ट्र सरकार पर दबाव बढ़ गया है। धनगर समाज को ST कोटे से आरक्षण देने की मांग लंबे समय से उठ रही है, और इस मुद्दे पर विधायकों के गुस्से ने सरकार के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। हालांकि, फिलहाल नरहरी झिरवल और अन्य विधायकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन यह साफ हो गया है कि सरकार को जल्द ही इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने होंगे, अन्यथा स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
महाराष्ट्र की राजनीति में इस घटना का असर लंबे समय तक बना रह सकता है, क्योंकि अब सरकार के सामने न केवल धनगर समाज की मांगों को पूरा करने का दबाव है, बल्कि अपने ही विधायकों के असंतोष को भी शांत करना होगा।