मनीष सिसोदिया को राहत, कोर्ट से शराब नीति मामले में मिली जमानत

Manish Sisodia

Manish Sisodia : दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े सीबीआई और ED दोनों मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि Manish Sisodia को 17 महीने की कारावास की सजा सुनाई गई है और अभी तक मुकदमा नहीं चलाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “उन्हें त्वरित सुनवाई के उनके अधिकार से वंचित किया गया है।”

Manish Sisodia की गिरफ्तारी

शराब नीति मामले में Manish Sisodia को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। कोर्ट ने शर्त लगाते हुए कहा कि वे गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे और अपना पासपोर्ट सरेंडर करेंगे। सिसोदिया अब 16 महीनों बाद जेल से बाहर आ सकते हैं।

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Manish Sisodia का समाज में गहरा आधार, फरार होने का अंदेशा नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालतों और हाईकोर्टों को अक्सर समझ में नहीं आता कि बेल को कानून और जेल से अपवाद माना जाता है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिकाओं की बहुतायत आती है। न्यायिक प्रक्रिया ही दंड नहीं होना चाहिए। आरोपी का समाज में व्यापक संबंध है। उसके भागने की कोई आशंका नहीं है। जमानत की शर्तें निचली अदालत ने निर्धारित कर सकती हैं। सबूत मिटाने की आशंका पर भी शर्तों का निर्धारण किया जाएगा।

आरोपी मुकदमे में देरी नहीं करेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया के मुकदमे में हुई देरी का जिक्र करते हुए कहा कि पीएमएलए सेक्शन 45 में दी गई जमानत की कड़ी शर्तों से हमसे रियायत की मांग की गई है। ईडी ने कहा कि आरोपी खुद मुकदमे में देरी का दोषी है। आरोपी अनावश्यक दस्तावेज चाहता है। सैकड़ों आवेदन प्राप्त हुए।

सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि रिकॉर्ड ऐसा नहीं बताते। ED और CBI दोनों मामलों में बहुत अधिक आवेदन नहीं आए, इसलिए हम निचली अदालत और हाई कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हैं कि आरोपी को मुकदमे में देरी के लिए जिम्मेदार मानना चाहिए। आरोपी को दस्तावेजों की जांच करने का अधिकार है।

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