Microsoft No Android Gadgets In Office: दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने चीन में अपने कर्मचारियों को एंड्रॉयड फोन का उपयोग करने से मना कर दिया है। कंपनी के इस घोषणा से दुनिया हैरान है। ब्लूमबर्ग ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट ने साइबर सिक्योरिटी और डेटा ब्रीच से बचने के लिए यह निर्णय लिया है।
आजकल दुनिया भर में डेटा लीक के कई मामले सामने आते रहते हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने इस महत्वपूर्ण निर्णय को लेने के पीछे सिर्फ डेटा लीक की समस्या रही है। यही नहीं, खबर है कि कंपनी चीन में अपने कार्यालय में साइबर सुरक्षा पर और भी कड़े उपाय कर सकती है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को एंड्रॉइड उपकरणों की जगह एप्पल उपकरणों का उपयोग करने की सलाह दी है।
मुख्य कारण:
- साइबर सुरक्षा: माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि यह कदम डेटा सुरक्षा और साइबर हमलों से बचाने के लिए उठाया गया है। चूंकि गूगल की कई सेवाएं, जिनमें जीएमएस (Google Mobile Services) भी शामिल हैं, चीन में प्रतिबंधित हैं, इसलिए माइक्रोसॉफ्ट को डर है कि एंड्रॉयड डिवाइस सुरक्षा खतरों का द्वार बन सकते हैं।
- डेटा नियंत्रण: माइक्रोसॉफ्ट को ऑथेंटिकेटर और आईडेंटिटी पास जैसे सुरक्षा स्तरों को नियंत्रित करने के लिए गूगल मोबाइल सेवाओं (GMS) तक पूरी पहुंच की आवश्यकता है। चूंकि चीन में GMS उपलब्ध नहीं है, इसलिए माइक्रोसॉफ्ट को डेटा सुरक्षा को लेकर चिंता है।
- हैकिंग का खतरा: विशेषज्ञों का मानना है कि एंड्रॉयड डिवाइस को हैक करना आसान है। चीन में गूगल प्ले स्टोर की अनुपस्थिति माइक्रोसॉफ्ट के लिए एक बड़ी चिंता है क्योंकि इससे अनऑफिशियल ऐप्स और संभावित खतरों का खतरा बढ़ जाता है।
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माइक्रोसॉफ्ट ने ये निर्णय क्यों लिया?
समाचारों के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट को ऑथेंटिकेटर और आइडेंटिटी पास जैसे सुरक्षा स्तरों को नियंत्रित करने के लिए गूगल मोबाइल सेवाओं (GMS) की जरूरत है। प्ले स्टोर सहित गूगल की कई सेवाएं चीन में नहीं काम करती हैं।
इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि एप्पल का iOS स्टोर चीन में उपलब्ध है, लेकिन गूगल प्ले स्टोर उपलब्ध नहीं है। Huawei और Xiaomi जैसे आम स्मार्टफोन कंपनियों ने इसके बजाय अपनी प्लेटफॉर्म को आम लोगों के लिए खुला रखा है। जानकारों का मानना है कि एंड्रॉइड डिवाइस को हैक करना आसानी से किया जा सकता है। चीन में गूगल प्ले का अभाव माइक्रोसॉफ्ट को चिंतित कर रहा है।
अन्य संभावित कारण:
- अमेरिकी सरकार पर साइबर हमले: हाल ही में अमेरिकी सरकारी एजेंसियों पर रूस द्वारा किए गए साइबर हमलों के बाद, माइक्रोसॉफ्ट अपने डेटा और कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्क हो गया है।
- चीन सरकार का दबाव: कुछ रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि माइक्रोसॉफ्ट को चीन सरकार के दबाव का सामना करना पड़ रहा है जो घरेलू कंपनियों और तकनीकों को बढ़ावा देना चाहती है।
एंड्रॉयड नहीं, आईफोन का करेंगे इस्तेमाल
कंपनी के मुताबिक एंड्रॉयड फोन बंद करना उसके सिक्योर फ्यूचर इनिशिएटिव के तहत आता है। इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट में कर्मचारी ऑफिस के काम के लिए एंड्रॉयड की जगह आईफोन का इस्तेमाल करेंगे। जानकारी के मुताबिक कंपनी सितंबर से चीन के ऑफिस कैंपस में एंड्रॉयड ओएस पर चलने वाले डिवाइस के एक्सेस पर रोक लगा देगी।
इस फैसले को आसान बनाने के लिए कंपनी कर्मचारियों को आईफोन 15 डिवाइस दे रही है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि हाल ही में अमेरिकी सरकारी एजेंसियों पर साइबर अटैक हुए थे। इनके पीछे रूस का हाथ बताया गया था। ऐसे किसी भी साइबर अटैक को रोकने के लिए ये सुरक्षा कदम उठाए जा रहे हैं।
परिणाम:
- माइक्रोसॉफ्ट के चीन में कर्मचारियों को अब काम के लिए iPhone 15 डिवाइस का उपयोग करना होगा।
- कंपनी सितंबर से चीन के ऑफिस परिसरों में एंड्रॉयड डिवाइस पर प्रतिबंध लगा देगी।
- यह कदम माइक्रोसॉफ्ट और गूगल के बीच तनाव को बढ़ा सकता है।
- यह देखा जाना बाकी है कि क्या अन्य कंपनियां भी माइक्रोसॉफ्ट के नक्शेकदम पर चलेंगी।