मुलायम, कांशीराम और मुख्तार अंसारी के आपसी संबंध राजनीति में एक दूसरे के साथ कैसे थे,
मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari)एक भारतीय गैंगस्टर और राजनेता थे, जो उत्तर प्रदेश राज्य से एक अत्यधिक विवादास्पद राजनेता थे। उन्होंने मऊ विधानसभा से पांच बार चुनाव जीता, जिसमें दो बार बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़े थे। मुलायम सिंह यादव और कांशी राम और मायावती जैसे राजनीतिक नेताओं के लिए उन्होंने कभी अश्लील नहीं थे। उनके साथी नेताओं ने उन्हें दलितों के हित की दिशा में राजनीति में शामिल होने के लिए उनके गैंगस्टर बैकग्राउंड को नकारात्मक नहीं माना।
एक रोचक कहानी, जो उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक गैंगस्टर से लेकर एक विधायक तक की।
मुलायम सिंह यादव और मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के रिश्ते पिछले कुछ समय से भारतीय राजनीति में काफी अहम बने रहे. मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के एक प्रसिद्ध नेता रहे और उनका परिवार बहुत प्रसिद्ध है। मुलायम सिंह यादव और मुख्तार अंसारी ये दोनों ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रभावशाली शख्सियत थे .मुलायम सिंह यादव ने समय-समय पर मुख्तार अंसारी का समर्थन किया और उन्हें अपनी पार्टी समाजवादी पार्टी के नेतृत्व में भी लिया. अंसारी के क्षेत्र में उनका समर्थन सामाजिक और राजनीतिक रूप से बहुत बड़ा था, खासकर पूर्वांचल में।
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हालांकि, समय-समय पर दोनों के बीच विवाद भी होते रहे। मुख्तार अंसारी के खिलाफ कई मामले हैं और उनके परिवार के अनुयायी भी किसी न किसी अपराध में शामिल हैं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के नेता भी उनकी इस प्रथा का विरोध करते हुए विचार व्यक्त कर चुके हैं. यह रिश्ता राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों के आधार पर बदल रहा है।
कैसे शुरू हुआ राजनितिक सफर
मुख्तार अंसारी एक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ हैं, जो भारत के उत्तर प्रदेश में कार्यरत हैं। उनके परिवार का एक लंबा इतिहास है, जिसमें राजनीतिक, सामाजिक और कानूनी महत्व शामिल है। यह उनके निजी जीवन और उनके परिवार के इतिहास का संक्षिप्त विवरण है:
मुख्तार अंसारी का जन्म 30 मार्च 1963 को उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में हुआ था। उनका परिवार राजनीतिक क्षेत्र से जुड़ा हुआ है और उनके कुछ वंशज भी राजनीति में शामिल हैं। मुख्तार अंसारी के पिता मोहम्मद मुनव्वर अंसारी भी एक प्रसिद्ध राजनेता थे, जो उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय थे। उनके भाई अफ़ज़ल अंसारी भी एक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ हैं और दोनों भाई उत्तर प्रदेश के राजनीतिक क्षेत्र में प्रभावशाली हैं।
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मुख्तार अंसारी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत मऊ नगर पालिका से की, फिर 1996 में विधान सभा चुनाव जीता। उसके बाद उन्होंने कई बार उत्तर प्रदेश विधान सभा के लिए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उनका परिवार कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों में भी प्रभावशाली रहा है और वे कई वर्षों से उत्तर प्रदेश की राजनीतिक दिशा में प्रमुख भूमिका निभाते रहे हैं। मुख्तार अंसारी के परिवार का इतिहास सामाजिक, राजनीतिक और कानूनी दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है और उत्तर प्रदेश की राजनीति में इसका प्रभाव गहरा है।
किन मामलों में मिली सजा
मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है जिसमें वे फर्जी शस्त्र लाइसेंस केस में दोषी पाए गए हैं। उन्हें धारा 467/120B में आजीवन कारावास की सजा भी हुई थी और एक लाख जुर्माना भी लगा. इसके अलावा, उन्हें अन्य धाराओं में भी सजा सुनाई गई :
420/120: 7 वर्ष की सजा और 50,000 जुर्माना
468/120: 7 वर्ष की सजा और 50,000 जुर्माना
आर्म्स एक्ट: 6 महीने की सजा और 2,000 जुर्माना
बांदा जेल में बंद थे अंसारी, और उनके परिवार के साथ भी कई मामलों में दोषी ठहराया गया था।