Munawwar Rana : मशहूर शायर मुनव्वर राना का निधन, अपने शयरी और बयानों के चलते चर्चा में रहे…

Munawwar Rana: Famous poet Munawwar Rana passes away, he was in the news due to his poetry and statements...

नई दिल्ली। मशहूर शायर मुनव्वर राना(Munawwar Rana) का रविवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से को निधन हो गया। बेटे तबरेज ने बताया कि बीमारी के कारण वह 14 से 15 दिनों से लखनऊ के पीजीआई में भर्ती थे। बीमारी के कारण पहले लखनऊ के मेदांता और फिर एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने रविवार रात करीब 11 बजे अंतिम सांस ली।उनकी बेटी ने बताया की पिछले दो साल से किडनी खराब होने के कारण मुनव्वर डायलिसिस पर थे। फेफड़ों की गंभीर बीमारी के चलते पहले वह लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। लेकिन 9 जनवरी को हालत खराब होने पर उन्हें पीजीआई में एडमिट कराया गया था। जहां रविवार देर रात उनका इलाज के दौरान निधन हो गया।

2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार

शेर-ओ-शायरी की दुनियां में भारत का ये सितारा दुनिया को अलविदा कह गया। मुनव्वर को उनके माँ पर लिखी रचनाओं से शोहरत मिली। नाम मिला। लेकिन उनकी अन्य शायरी भी पाठकों और वक्ताओं द्वारा हमेशा कोट किए की जाते रहे और किए जाएंगे। मुनव्वर का जन्म रायबरेली शहर के किला बाजार में 1952 में हुआ था।  जिसके बाद उनका ज्यादा समय कोलकाता और लखनऊ में गुजरी। पढ़ाई भी कोलकाता में पूरी हुई। उन्हें उर्दू साहित्य के लिए 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार के साथ ही कई सम्मान और पुरस्कार मिले। मुनव्वर(Munawwar Rana) अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते थे। उनके चर्चित बयान –

शायर Munawwar Rana राना के कुछ शेर जो अब यादों में पढे जाएंगे

“आप को चेहरे से भी बीमार होना चाहिए

इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए”

“अपनी फजा से अपने जमानों से कट गया

पत्थर खुदा हुआ तो चट्टानों से कट गया”

“हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं

जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते हैं”

“अँधेरे और उजाले की कहानी सिर्फ़ इतनी है

जहाँ महबूब रहता है वहीं महताब रहता है”

“किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई

मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई”

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