अंतरिक्ष में फंसी भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स के धरती पर लौटने की कितनी उम्मीदें बची, नासा ने स्टारलाइनर कैप्सूल पर दिया बड़ा बयान

अंतरिक्ष में फंसे अमेरिकी वैज्ञानिकों के धरती पर लौटने की संभावनाओं को लेकर नासा ने बड़ा बयान दिया है। कुछ सप्ताह पहले अमेरिका का स्टारलाइनर कैप्सूल कई वैज्ञानिकों को लेकर अंतरिक्ष स्टेशन गया था। इसमें भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स भी शामिल हैं।

NASA: अमेरिका द्वारा विशेष मिशन पर अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा गया अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल अंतरिक्ष यान में खराबी के कारण वहां फंस गया है। अंतरिक्ष जाने वाले यात्रियों में भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स भी शामिल हैं। स्टारलाइनर कैप्सूल में खराबी के बाद सुनीता विलियम्स के लौटने की कितनी उम्मीदें बची हैं, इसे लेकर नासा ने बड़ा बयान दिया है। आपको बता दें कि अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा कि उसके दो अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर अधिक समय तक रहेंगे, क्योंकि वे वहां अपनी यात्रा के दौरान बोइंग के नए अंतरिक्ष कैप्सूल में आई समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।

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नासा का बयान: सुनीता विलियम्स 90 दिनों तक अंतरिक्ष में रह सकती हैं, धरती पर वापसी में देरी हो सकती है

मुख्य बातें:

अतिरिक्त जानकारी:

नासा ने शुक्रवार को अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी की कोई तारीख नहीं बताई और कहा कि वे सुरक्षित हैं। नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम मैनेजर स्टीव स्टिच ने कहा, “हमें वापस लौटने की कोई जल्दी नहीं है।” नासा के अनुभवी परीक्षण पायलट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर के ज़रिए अंतरिक्ष प्रयोगशाला के लिए रवाना हुए। विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर बोइंग का ‘क्रू फ़्लाइट टेस्ट मिशन’ कई सालों की देरी और असफलताओं के बाद फ्लोरिडा के ‘केप कैनावेरल स्पेस फ़ोर्स स्टेशन’ से रवाना हुआ।

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सुनीता को 1 हफ़्ते बाद धरती पर लौटना था

विलियम्स और विल्मोर को लगभग एक हफ़्ते तक अंतरिक्ष में रहना था, जो कैप्सूल की जाँच के लिए पर्याप्त समय था, लेकिन अंतरिक्ष यान को चलाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कैप्सूल के प्रणोदन प्रणाली में समस्याओं के कारण नासा और बोइंग को कई बार धरती पर उनकी वापसी को स्थगित करना पड़ा। इससे धरती पर उनकी सुरक्षित वापसी को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।

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