National Mango Day: आम भारत का राष्ट्रीय फल है। आम की पहचान सिर्फ़ भारत तक ही सीमित नहीं है। बल्कि विदेशों में भी इसकी बहुत मांग है। भारत के राष्ट्रीय फल के सम्मान में और दुनिया भर में इसके महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 22 जुलाई को भारत में (National Mango Day) राष्ट्रीय आम दिवस मनाया जाता है। वनस्पति विज्ञान की भाषा में आम को मैंगीफेरा इंडिका कहा जाता है।
आम मूल रूप से दक्षिण एशिया का है लेकिन अब यह दुनिया के कई देशों में पाया जाता है। आज राष्ट्रीय आम दिवस के दिन हम आपको बताएंगे कि भारत में सबसे पहले आम कब और कहां उगाया गया था और देसी आम को विदेशी नाम कैसे मिला। तो चलिए फिर जानते हैं।
5000 साल पहले यहां उगाया जाता था आम
भारत में आम का इतिहास बहुत पुराना है। भारत में आम सबसे पहले करीब 5000 साल पहले उगाए गए थे। इसे भारत और म्यांमार (National Mango Day) के आसपास के इलाके में उगाया जाता था। भारत में सबसे पहले आम अंडमान द्वीप समूह में उगाए गए थे। इसके बाद धीरे-धीरे जैसे-जैसे व्यापार का चलन बढ़ा, आम एक जगह से दूसरी जगह पहुंचे। अगर आम की उत्पत्ति की बात करें तो 300-400 ईसवी में यह एशिया से पूर्वी अफ्रीका और मध्य अफ्रीका होते हुए दक्षिण अमेरिका पहुंचा था।
कहां उगाया गया पहला आम:
- अनुमानित समय: 5000 साल पहले
- स्थान: भारत और म्यांमार के आसपास का क्षेत्र, विशेष रूप से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
भारत में आम का प्रसार:
- व्यापार मार्गों के माध्यम से धीरे-धीरे फैला
- 300-400 ईस्वी में पूर्वी अफ्रीका, मध्य अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका तक पहुंचा
आम का सांस्कृतिक महत्व:
- भारतीय लोककथाओं में उल्लेख
- गौतम बुद्ध को आम का बगीचा उपहार में दिया गया
- दोस्ती और प्यार का प्रतीक
लेकिन भारत में इसका इतिहास बहुत पुराना है। आम के बारे में भारतीय (National Mango Day) लोककथाओं में यह भी कहा जाता है कि गौतम बुद्ध को एक बड़ा आम का बगीचा उपहार में दिया गया था। जहां वे आम के पेड़ों की छाया में आराम से ध्यान कर सकते थे। पहले लोग एक-दूसरे को आम उपहार में देते थे। इसे दोस्ती और प्यार का प्रतीक माना जाता था। आपको बता दें कि आम न केवल भारत का बल्कि पाकिस्तान और म्यांमार जैसे देशों का भी राष्ट्रीय फल है।
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विदेशी नाम कैसे मिला:
- आम: संस्कृत शब्द “आम्र” से आया है
- मैंगो: मलयालम शब्द “मन्ना” से आया है
- 15वीं शताब्दी में पुर्तगाली व्यापारियों ने “मन्ना” को “मंगा” में बदला
- “मंगा” धीरे-धीरे “मैंगो” में बदल गया
निष्कर्ष:
- आम भारत का राष्ट्रीय फल है और इसका इतिहास 5000 साल पुराना है।
- भारत में इसकी उत्पत्ति और सांस्कृतिक महत्व इसे अद्वितीय बनाता है।
- विदेशी नाम “मैंगो” मलयालम शब्द “मन्ना” से लिया गया है, जिसे पुर्तगाली व्यापारियों ने बदला था।
आम कैसे बना आम?
जिसे आज हम आम कहते हैं। वह शब्द संस्कृत के आम्र शब्द से आया है। जबकि पूरी दुनिया (National Mango Day) इसे मैंगो के नाम से जानती है। वह शब्द मलयालम के मन्ना शब्द से बना है। जब 15वीं सदी में पुर्तगाली मसाले के व्यापार के लिए केरल पहुंचे। तब उन्होंने मन्ना शब्द को बदलकर मंगा कर दिया। और फिर धीरे-धीरे मंगा शब्द बदलकर मैंगो हो गया। इसीलिए आज अंग्रेजी भाषा में पूरी दुनिया आम को मैंगो के नाम से जानती है।
अतिरिक्त जानकारी:
- भारत 200 से अधिक किस्मों के आमों का उत्पादन करता है।
- दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय आम किस्मों में से कुछ Alphonso, Totapuri और Banganapalli हैं।
- आम विटामिन ए, सी और डी का अच्छा स्रोत हैं।
- इनमें फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं।
National Mango Day:
- हर साल 22 जुलाई को मनाया जाता है
- भारत के राष्ट्रीय फल के सम्मान और दुनिया भर में इसके महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है