Neeraj Chopra : नीरज की जीत पर उनकी माँ की इस बात ने जीता भारत और पाकिस्तान का दिल, जानिए सिल्वर जितने के बाद क्या बोला चैंपियन

पेरिस ओलंपिक 2024 में नीरज चोपड़ा की यात्रा असाधारण से कम नहीं थी। चोट से उबरते हुए और पूरे देश की उम्मीदों का भार उठाते हुए, चोपड़ा ने एक ऐसा प्रदर्शन किया जिसने उनकी दृढ़ता और संकल्प को उजागर किया। गोल्ड से मामूली अंतर से चूकने के बावजूद, उनका सिल्वर मेडल जीतना उनके निरंतरता और अपने कौशल के प्रति समर्पण का प्रमाण है।

Neeraj Chopra: पेरिस ओलंपिक 2024 के बहुप्रतीक्षित पुरुषों की जैवलिन थ्रो फाइनल में, भारतीय स्टार एथलीट Neeraj Chopra ने एक बार फिर से वैश्विक मंच पर अपनी क्षमता साबित की। टोक्यो ओलंपिक 2020 में ऐतिहासिक गोल्ड जीतने के बाद, Neeraj Chopra ने फिर से शानदार प्रदर्शन किया और ओलंपिक इतिहास की सबसे कड़ी प्रतिस्पर्धाओं में से एक में सिल्वर मेडल हासिल किया।

उनकी इस अद्वितीय उपलब्धि ने न केवल भारतीय खेल इतिहास में उनका नाम और गहराई से अंकित किया, बल्कि खेल भावना और दोस्ताना प्रतिद्वंद्विता का भी प्रदर्शन किया, जिसमें उनका सामना पाकिस्तान के अरशद नदीम से हुआ, जिन्होंने रिकॉर्ड-ब्रेकिंग थ्रो के साथ गोल्ड जीता। यह आयोजन सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं था; यह सच्चे चैंपियंस को परिभाषित करने वाले दृढ़ संकल्प, मित्रता, और उत्कृष्टता की अटूट खोज का प्रदर्शन था।

Neeraj Chopra

भारतीय स्टार एथलीट Neeraj Chopra ने पेरिस ओलंपिक 2024 में पुरुषों की जैवलिन थ्रो फाइनल में सिल्वर मेडल जीतकर एक बार फिर इतिहास रच दिया। टोक्यो ओलंपिक 2020 में गोल्ड जीतने वाले चोपड़ा ने इस बार 89.45 मीटर का थ्रो कर दूसरा स्थान हासिल किया, हालांकि वह गोल्ड से चूक गए। पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर का नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाकर दुनिया को चौंका दिया और गोल्ड मेडल अपने नाम किया। ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स ने 88.54 मीटर का थ्रो कर ब्रॉन्ज मेडल जीता।

नीरज के सिल्वर पर गर्व और संतोष

नीरज चोपड़ा की मां, सरोज देवी, जो पानीपत में रहती हैं, ने अपने बेटे की उपलब्धि पर खुशी और गर्व व्यक्त किया। गोल्ड मेडल से चूकने के बावजूद उन्होंने कहा, “हम बहुत खुश हैं। हमारे लिए सिल्वर भी सोने के बराबर है। जो गोल्ड ले गया है, वह भी हमारा लड़का है। उसने मेहनत की है और जीत हासिल की है। हर एथलीट का दिन होता है। नीरज चोटिल था, इसलिए हम उसके प्रदर्शन से खुश हैं। जब वह वापस आएगा, तो मैं उसका पसंदीदा खाना बनाऊंगी।” उनकी यह प्रतिक्रिया न केवल उनके बेटे की सफलता को सम्मानित करती है, बल्कि खेल भावना और सहयोग का भी प्रतीक है।

भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि

पेरिस ओलंपिक में नीरज चोपड़ा के सिल्वर मेडल ने उन्हें भारत के महानतम एथलीटों में से एक बना दिया है। वह लगातार दो ओलंपिक में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बन गए हैं, और इस प्रतिष्ठित सूची में पहलवान सुशील कुमार के साथ शामिल हो गए हैं। इसके अलावा, चोपड़ा अब दो ओलंपिक पदक जीतने वाले चौथे भारतीय एथलीट बन गए हैं, जिसमें बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु, पहलवान सुशील कुमार, और निशानेबाज मनु भाकर का नाम शामिल है।

Neeraj Chopra चोपड़ा के परिवार की प्रतिक्रिया

मैच के बाद नीरज चोपड़ा की मां सरोज देवी, जो पानीपत में रहती हैं, ने अपने बेटे की उपलब्धि पर खुशी और गर्व व्यक्त किया। गोल्ड मेडल से चूकने के बावजूद उन्होंने कहा, “हम बहुत खुश हैं। हमारे लिए सिल्वर भी सोने के बराबर है। जो गोल्ड ले गया है वह भी हमारा लड़का है। उसने मेहनत की है और जीत हासिल की है। हर एथलीट का दिन होता है। नीरज चोटिल था, इसलिए हम उसके प्रदर्शन से खुश हैं। जब वह वापस आएगा तो मैं उसका पसंदीदा खाना बनाऊंगी।”

चोपड़ा के पिता सतीश कुमार ने भी अपनी भावनाएं व्यक्त कीं, और जोर दिया कि वे अपने बेटे पर दबाव नहीं डाल सकते। “हर खिलाड़ी का दिन होता है, आज अरशद नदीम का दिन था। हम इस बात से खुश हैं कि नीरज ने लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीता। यह गर्व की बात है कि हम अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और उन्हें चुनौती दे रहे हैं।”

Neeraj Chopra की प्रतिक्रिया और भविष्य की योजनाएं

सिल्वर मेडल जीतने के बाद नीरज चोपड़ा ने मीडिया से बात करते हुए अपने प्रदर्शन पर मिश्रित भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने स्वीकार किया कि यह उनका सर्वश्रेष्ठ दिन नहीं था, लेकिन प्रतियोगिता की उच्च प्रतिस्पर्धात्मकता को उन्होंने माना। “प्रतियोगिता शानदार थी। हर खिलाड़ी का अपना दिन होता है, और आज अरशद नदीम का दिन था। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, लेकिन अभी भी कुछ चीजें हैं जिन पर ध्यान देने और काम करने की जरूरत है। हमारा राष्ट्रगान आज भले ही नहीं बजा, लेकिन भविष्य में कहीं और जरूर बजेगा,” चोपड़ा ने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि उनका अगला लक्ष्य 90 मीटर के आंकड़े को पार करना है, जो कि एक व्यक्तिगत लक्ष्य है जिसे वे हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।

चोट से वापसी और लगातार प्रदर्शन

Neeraj Chopra का सिल्वर मेडल और भी उल्लेखनीय है, क्योंकि हाल ही में उन्होंने चोट से उबरकर यह उपलब्धि हासिल की है। इस सीज़न की शुरुआत में चोटिल होने के बाद, चोपड़ा ने जून 2024 में पावो नुरमी गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर शानदार वापसी की। इसके बाद उन्होंने पेरिस डायमंड लीग को छोड़ दिया लेकिन ओलंपिक में सिल्वर मेडल हासिल किया। इस जीत के साथ नीरज ने एक और इतिहास रचा। लगातार दो ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतकर नीरज पहले भारतीय एथलीट बन गए हैं। इससे पहले, नीरज ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में 87.58 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीता था।

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अरशद नदीम और पाकिस्तान के लिए ऐतिहासिक जीत

अरशद नदीम की यह जीत न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि थी, बल्कि पाकिस्तान के लिए भी एक ऐतिहासिक क्षण था। उनका 92.97 मीटर का थ्रो नया ओलंपिक रिकॉर्ड तो बना ही, साथ ही यह पाकिस्तान का 1992 बार्सिलोना ओलंपिक के बाद पहला व्यक्तिगत ओलंपिक पदक भी है। इससे पहले, नीरज चोपड़ा ने अपने पिछले दस मुकाबलों में हमेशा अरशद नदीम को हराया था।

गोल्ड से चूकने के बावजूद, पेरिस ओलंपिक 2024 में नीरज चोपड़ा की यह उपलब्धि भारतीय खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उनकी समर्पण, दृढ़ता, और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता ने लाखों भारतीयों और दुनिया भर के एथलीटों को प्रेरित किया है।

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