NEET-UG 24 लाख नहीं, 1600 छात्रों का विवाद
उच्च शिक्षा सचिव ने कहा कि 6 केंद्रों और 1600 अभ्यर्थियों का विवाद है, जिसकी जांच कमेटी बनाकर प्रकाश में आते ही की गई। 1563 बच्चों के ग्रेस मार्क्स पर आपत्ति जताई गई है, सभी 24 लाख बच्चों पर नहीं। पूरे देश में परीक्षा और रिजल्ट जारी करने में कोई अनियमितता नहीं हुई है। परीक्षा आयोजित करने और रिजल्ट जारी करने में पूरी पारदर्शिता बरती गई। इसलिए परीक्षा देने वाले 24 लाख छात्रों को चिंता नहीं करनी चाहिए।
विवाद:
- 4 जून 2024 को NEET-UG 2024 का रिजल्ट आया।
- कुछ छात्रों ने पेपर लीक होने का आरोप लगाया।
- 67 कैंडिडेट्स ने 720 में से 720 अंक हासिल किए, जिससे सवाल उठे।
- सोशल मीडिया पर भी विवाद बढ़ा।
- शिवांगी मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एग्जाम दोबारा कराने की मांग की।
राजस्थान, हरियाणा के परीक्षा केंद्रों पर पेपर देने वाले बच्चे परीक्षा का पेपर लेकर केंद्र से बाहर आ गए थे, लेकिन उनसे पेपर वापस ले लिया गया। शिक्षा मंत्रालय की ओर से अब उच्च स्तरीय शिकायत निवारण समिति के गठन की घोषणा की गई है। यह समिति अभ्यर्थियों द्वारा की गई शिकायतों का गहन विश्लेषण करेगी और सुनिश्चित करेगी कि सभी मुद्दों का निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से समाधान हो।
NEET-UG समिति की सिफारिश पर अगला फैसला लिया जाएगा
उच्च शिक्षा सचिव ने बताया कि करीब 1563 अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स मिले हैं। 790 अभ्यर्थी ग्रेस मार्क्स के सहारे ही उत्तीर्ण हो पाए। शेष अभ्यर्थियों के या तो निगेटिव मार्क्स होंगे या फिर वे पेपर ही पास नहीं कर पाए होंगे। उत्तर देने की क्षमता के हिसाब से ग्रेस मार्क्स अलग-अलग तरीके से दिए जाते हैं। अगर परीक्षा केंद्रों पर कोई अनियमितता होती है और जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो परीक्षा केंद्रों और उनके अधीक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) June 8, 2024
सरकार का रुख:
- शिक्षा मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा।
- पेपर लीक की बात को सिरे से खारिज किया।
- 6 सेंटरों और 1600 कैंडिडेट्स से जुड़ी गड़बड़ी की बात मानी।
- उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई।
- 7 दिन में रिपोर्ट देने का आदेश दिया।
- कहा – “जो भी फैसला होगा, 24 लाख में से सिर्फ 1600 स्टूडेंट्स पर असर पड़ेगा।”
यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन के नेतृत्व में जांच समिति बनाई गई है। इसमें कई शिक्षाविदों को सदस्य बनाया गया है। यह समिति विवाद की जांच करेगी। समिति को 7 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है। इस समिति की सिफारिश पर ही आगे का फैसला लिया जाएगा। शिक्षा सचिव ने कहा कि जो भी फैसला लिया जाएगा, उसका असर सिर्फ 1600 छात्रों पर पड़ेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बाकी 24 लाख छात्र इससे प्रभावित न हों।
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अभी क्या होगा:
- जांच समिति की रिपोर्ट का इंतजार।
- रिपोर्ट के आधार पर आगे का फैसला।
- 1600 स्टूडेंट्स को प्रभावित कर सकता है।
विवाद के मुख्य बिंदु:
- पेपर लीक का आरोप।
- कुछ सेंटरों पर गड़बड़ी।
- ग्रेस मार्क्स को लेकर सवाल।
- 67 टॉपरों में 8 एक ही सेंटर से।
NEET-UG आखिर क्या है विवाद?
आपको बता दें कि NEET-UG परीक्षा देने वाली शिवांगी मिश्रा ने पेपर दोबारा कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। शिवांगी ने परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया है। 4 जून को परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद पेपर लीक को लेकर सवाल उठे और देश की राजनीति गरमा गई। NEET-UG परीक्षा 5 मई 2024 को आयोजित की गई।
परीक्षा से पहले भी पेपर लीक को लेकर सवाल उठे थे, लेकिन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। रिजल्ट आने के बाद सिर्फ 67 उम्मीदवारों ने टॉप किया। इन 67 टॉपर्स में से 8 टॉपर ऐसे छात्र हैं जिन्होंने एक ही सेंटर पर परीक्षा दी थी। इन सभी को 720 में से 720 अंक मिले हैं। इसलिए पेपर लीक होने का दावा करते हुए दोबारा परीक्षा कराने की मांग की गई।