New Delhi: क्या होंगे ‘नागरिकता संशोधन कानून’ के नियम, गैर-मुस्लिम प्रवासी समुदाय नागरिकता के लिए कर सकेंगे आवेदन

CAA

CAA Implementation

New Delhi: देश में ‘नागरिकता संशोधन कानून’ (CAA) के नियम लागू कर दिया गया हैं. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर केंद्र सरकार ने सोमवार की शाम को अधिसूचना जारी कर दी है. इसके (New Delhi) लिए एक पोर्टल भी तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से गैर-मुस्लिम प्रवासी समुदाय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं. गृह मंत्रालय ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है.

कुछ दिन पहले ही (New Delhi) गृह मंत्रालय को नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के नियम तैयार करने के लिए अधीनस्थ कानून पर लोकसभा समिति से एक और विस्तार मिला था. सेवा विस्तार का पिछला कार्यकाल 9 जनवरी को समाप्त हो गया था. CAA के नियम तैयार करने के लिए गृह मंत्रालय को सातवीं बार मोहलत दी गई थी. इससे पहले, मंत्रालय को इस विषय पर नियम बनाने और लागू करने के लिए राज्यसभा से छह महीने का विस्तार भी मिला था.

क्या हैं CAA के नियम ?

सीएए नियमों के तहत आवेदन ऑनलाइन पोर्टल के जरिए मांगे जाएंगे. इसके लिए प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत नियमों से भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासी समुदायों के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करना आसान हो जाएगा. इन छह समुदायों में हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी शामिल हैं. नागरिकता संशोधन विधेयक 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था. अगले दिन, विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई. सीएए के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों यानी हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों के लिए भारतीय नागरिकता हासिल करना आसान हो जाएगा.

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नागरिकता संशोधन अधिनियम हुआ लागू

नागरिकता संशोधन अधिनियम किसी भी व्यक्ति को अपने आप नागरिकता प्रदान नहीं करता है. इसके माध्यम से पात्र व्यक्ति आवेदन करने के पात्र बन जाते हैं. यह कानून उन लोगों पर लागू होगा जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए थे. उन्हें उस अवधि के दौरान भारत में रहने की अवधि साबित करनी होगी.

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उन्हें यह भी साबित करना होगा कि वे धार्मिक उत्पीड़न के कारण अपने देशों से भारत आए थे. वे भाषाएँ बोलते हैं जो संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल हैं. उन्हें नागरिकता अधिनियम 1955 की तीसरी अनुसूची की अनिवार्य आवश्यकताओं को भी पूरा करना होगा. इसके बाद ही प्रवासी आवेदन करने के पात्र होंगे.

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