New Laws: एक जुलाई से देश में नए आपराधिक कानूनों की लागूआत से उत्तर प्रदेश सबसे अधिक लाभ उठाने वाला राज्य होगा। एक जुलाई से, (New Laws) धारा 302 का अर्थ धारा 103 होगा, जबकि धारा 420 का अर्थ धारा 316 होगा। भारत के तीन अपराध और न्याय प्रणाली कानूनों में महत्वपूर्ण परिवर्तन होने जा रहे हैं. इन परिवर्तनों से अपराध धाराओं, उनकी विवेचना और न्यायिक प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) और भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) के नाम अब नए होंगे क्योंकि वे ब्रिटिश काल से चले आ रहे हैं। जिसमें भारतीय कानून संहिता शामिल है, उन्हें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय कानून संहिता नाम देंगे।
सबसे ज्यादा यूपी को फायदा
गुरुवार को अधिकारी सूत्रों ने बताया कि आबादी के कारण उत्तर प्रदेश में आपराधिक मुकदमों की संख्या सबसे अधिक है। उत्तर प्रदेश भी स्वाभाविक रूप से इससे सबसे अधिक लाभ उठाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए नए कानून बोनस की तरह होंगे। योगी सरकार ने इसलिए इनके प्रति प्रतिबद्धता जताई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों नए कानून को लागू करने में हुई प्रगति की समीक्षा की। ये भी लागू करने और सभी स्टेक होल्डर्स को इनके बारे में शिक्षित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
नए भारत की नयी आत्मा
उन्होने कहा कि ये परिवर्तन विश्व में सबसे बड़े (New Laws) लोकतांत्रिक देश की सोच से मेल खाते हैं। यह अपने शरीर, मन और आत्मा में भारतीय है। इन बदलावों में अधिकतम सुशासन, पारदर्शिता, संवेदनशीलता, जवाबदेही और बच्चों और महिलाओं के हित पर खासा ध्यान दिया गया है। न्याय न्याय की जगह दंड है। नीचे से ऊपर तक जांच और साक्ष्य के लिए नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे शीघ्र न्याय मिल सके। किसी भी मामले में न्याय की सीमा निर्धारित होगी। कम्यूनिटी सर्विसेज ने पहली बार छोटे मोटे मामलों का समाधान किया है। इस बदलाव से सेशन कोर्ट में ही चालिस प्रतिशत मुकदमे निस्तारित होंगे।
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राजद्रोह कानून तगड़ा
गौरतलब है कि नए क्रिमिनल जस्टिस ने राजद्रोह पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारतीय संप्रभुता का किसी भी प्रकार से विरोध करने वालों को कड़ी सजा दी गई है। यह पहली बार है कि देश की सबसे बड़ी समस्या, आतंकवाद, को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इसी तरह पहली बार संगठित अपराध और मॉब लीचिंग को परिभाषित किया गया था।
चैन स्नैचिंग पर शख्त कानून
हाल ही में कानून बनाने के लिए महिलाओं के लिए चेन और मोबाइल छीनैती एक (New Laws) बड़ी चुनौती बन गई है। जिस भी महिला को ऐसा कुछ होता है, वह बेहोश हो जाती है। इस छोटी झपटी में महिला को कभी-कभी गंभीर चोट लगती है। ऐसी चोट जो अपंगता या जानलेवा हो सकती है यह भी पहली बार हुआ है कि इसके लिए नए कानून बनाए गए हैं।
गवाहों की सुरक्षा
लालच, दबाव और भय के कारण गवाहों को छिपाना आम है। नए कानूनों में उनकी सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। साथ ही परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर तकनीक से जोर दिया गया है। उससे गवाही भी नहीं मिलेगी। इससे पुलिस भी पूरी प्रक्रिया में जिम्मेदार होगी। वह अपने अधिकारों को बेजा नहीं उपयोग कर सकेगी।
313 धाराएं कुल मिलाकर बदली गई हैं। जो धाराएं अप्रासंगिक थीं, वे हटा दी गईं। कुछ में नई टाइमलाइन भी मिली है। इन परिवर्तनों से देश गुलामी से मुक्त होगा। यह क्रिमिनल जस्टिस में एक नए युग की शुरुआत होगी। इसकी खूबसूरती यह होगी कि यह अब भारतीय संसद, भारतीयों और भारत के कानूनों से चलेगा। यह श्रेष्ठ भारत की भावना के अनुरूप होगा।