NIA: एनआईए ने कार्रवाई, तमिलनाडु में पाकिस्तानी संगठन से जुड़े 10 ठिकानों पर छापेमारी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने रविवार को तमिलनाडु में छापेमारी की। एनआईए ने हिज्ब-उत-तहरीर मामले में कार्रवाई करते हुए 10 ठिकानों पर छापेमारी की। एनआईए ने पाकिस्तानी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की।

NIA: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने रविवार को तमिलनाडु में छापेमारी की। एनआईए ने हिज्ब-उत-तहरीर मामले में कार्रवाई करते हुए 10 ठिकानों पर छापेमारी की। NIA एनआईए ने पाकिस्तानी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की। इसके साथ ही एनआईए ने इस मामले में 2021 में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आईएसआईएस से जुड़े एक चरमपंथी इस्लामी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर की जांच के तहत रविवार सुबह तमिलनाडु में यह छापेमारी की। एजेंसी ने चेन्नई, त्रिची, पुदुकोट्टई, तंजावुर, इरोड और थिरुपुर समेत कई जगहों पर छापेमारी की। छापे मुख्य रूप से दो संदिग्धों पर केंद्रित थे – अब्दुल खान, जिसने पुदुक्कोट्टई में मंडईयूर के पास एक खेत किराए पर लिया था, और अहमद, जो तंजावुर में कुलंधई अम्मल नगर का निवासी था।

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NIA ने तमिलनाडु में हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े 10 ठिकानों पर छापेमारी की: मुख्य बातें

हिज्ब-उत-तहरीर मामला क्या है?

हिज्ब-उत-तहरीर एक इस्लामिक संगठन है। एनआईए ने सबसे पहले 2021 में इस पर कार्रवाई की और छापेमारी की। यह छापेमारी मदुरै हिज्ब-उत-तहरीर मॉड्यूल मामले से संबंधित थी। एनआईए ने तमिलनाडु में कई जगहों पर छापेमारी की। छापेमारी के बाद एनआईए ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया। शुरुआत में मदुरै शहर के थिदिर नगर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 13 (1) (बी) के तहत कई आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया था।

हिज्ब-उत-तहरीर क्या है?

NIA ने 2021-2022 में भी कार्रवाई की

2021 के संदिग्ध मोहम्मद इकबाल ने कथित तौर पर अपने फेसबुक अकाउंट का इस्तेमाल एक खास समुदाय के खिलाफ कुछ पोस्ट करने के लिए किया और इस पोस्ट ने धार्मिक हिंसा को भड़काया। मार्च 2022 में, 2021 में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद, एनआईए ने फिर से हिज्ब-उत-तहरीर के खिलाफ कार्रवाई की और दो आरोपियों – तिरुवरुर जिले के मन्नारगुडी निवासी बावा बहरुदीन उर्फ ​​मन्नाई बावा और तंजावुर जिले के कुंभकोणम निवासी जियावुद्दीन बाकवी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। जांच के बाद पता चला कि दोनों आरोपी हिज्ब-उत-तहरीर के सदस्य थे।

यह छापेमारी क्यों महत्वपूर्ण है?

अतिरिक्त जानकारी:

जांच में यह भी पता चला कि उन्होंने हिज्ब-उत-तहरीर की विचारधारा को फैलाने के लिए फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए तमिलनाडु और केरल के जिलों में नए सेल स्थापित करने की कथित तौर पर साजिश रची थी।

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