Pak banned X:पाकिस्तान के सिंध उच्च न्यायालय ने एक माइक्रोब्लॉगिंग साइट, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था (‘एक्स’), पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने के लिए सरकार को एक सप्ताह का समय दिया है। अदालत ने सरकार को सर्वोच्च न्यायिक आदेश जारी करके एक हफ्ते के अंदर प्रतिबंध हटाने का निर्देश दिया है।
इस फैसले के पीछे सरकारी निर्देशों के अनुपालन में हुई विफलता का बहाना बनाया गया है। पाकिस्तानी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरों को देखते हुए ‘एक्स’ पर प्रतिबंध लगाया था।
एक्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद से, इस प्लेटफ़ॉर्म का उपयोगकर्ताओं ने आलेखों में पाकिस्तान में समस्याओं की सूचना दी है, जो कई उपयोगकर्ताओं के लिए आपत्तिजनक साबित हुई है।
इससे पहले भी पाकिस्तानी सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है, जो नागरिकों की आवाज को दबाने के रूप में विवादों का केंद्र बनता है।
सिंध उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने इस फैसले के समर्थन में कहा कि अधिकारियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर साइट को प्रतिबंधित किया जाने का फैसला बिना समर्थन के किया था।
पाकिस्तान ने ‘कानून का पालन करने में विफलता’ का हवाला देते हुए एक्स को ब्लॉक किया; कोर्ट ने सरकार को एक सप्ताह के भीतर प्रतिबंध हटाने का आदेश दिया
पाकिस्तान: पाकिस्तान के सिंध उच्च न्यायालय ने सरकार को एलन मस्क के स्वामित्व वाली माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर लगे प्रतिबंध को एक सप्ताह के अंदर हटाने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि सरकार ने ‘कानून का पालन करने में विफलता’ का हवाला देते हुए एक्स को ब्लॉक कर दिया था।
सरकारी रुख:
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने कहा था कि एक्स को इसलिए ब्लॉक किया गया क्योंकि यह “सरकार के वैध निर्देशों का पालन करने में विफल” रहा था।
मंत्रालय ने दावा किया कि एक्स का इस्तेमाल “राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा” पैदा करने के लिए किया जा रहा था।
अदालत का फैसला:
सिंध उच्च न्यायालय ने इन दलीलों को खारिज कर दिया और कहा कि सरकार ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
अदालत ने कहा कि सरकार ने एक्स को ब्लॉक करने से पहले “कोई सबूत पेश नहीं किया” और “न्यायोचित सुनवाई का अवसर नहीं दिया”।
अतिरिक्त जानकारी:
एक्स को 17 फरवरी से पाकिस्तान में ब्लॉक कर दिया गया था।
प्रतिबंध के पीछे की वजहें स्पष्ट नहीं थीं, लेकिन माना जाता है कि यह इमरान खान की पार्टी द्वारा चुनाव में धांधली के आरोपों के बाद किए गए विरोध प्रदर्शनों से जुड़ा था।
एक्स पाकिस्तान में लाखों लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है।
निष्कर्ष:
सिंध उच्च न्यायालय के फैसले से सरकार को झटका लगा है। यह देखा जाना बाकी है कि क्या सरकार अदालत के आदेश का पालन करेगी या एक्स पर प्रतिबंध जारी रखने के लिए कोई अन्य आधार तलाशेगी।