Maharashtra politics: महाराष्ट्र की राजनीति में हाल के घटनाक्रम ने नए सियासी समीकरणों की अटकलें तेज कर दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार की दिल्ली में हुई मुलाकात ने पहले ही चर्चाओं को गर्म कर रखा था, वहीं अब शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ और एनसीपी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल की बीजेपी नेताओं से मुलाकात ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है।
राउत ने सीएम फडणवीस को राज्य हित में सख्त फैसले लेने वाला नेता बताया, खासतौर पर उन नियुक्तियों को रोके जाने के फैसले के लिए जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप थे। उधर, जयंत पाटिल और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले की बैठक को लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, पाटिल ने सफाई दी कि बैठक में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई, लेकिन इस मुलाकात ने महाराष्ट्र की सियासत में नई बहस को जन्म दे दिया है।
दिल्ली में मोदी-पवार की मुलाकात ने बदले समीकरण?
21 फरवरी को दिल्ली में 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शरद पवार की मुलाकात हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने शरद पवार को सम्मान दिया, उनके साथ बातचीत की और यहां तक कि पानी का गिलास तक परोसा। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और इसके राजनीतिक निहितार्थ तलाशे जाने लगे।
एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार के पीएम मोदी के साथ नजर आने के बाद Maharashtra में नई राजनीतिक समीकरणों की चर्चा शुरू हो गई है। क्या यह मुलाकात किसी नए गठबंधन का संकेत है या फिर महज औपचारिकता?
जयंत पाटिल की बैठक ने बढ़ाई अटकलें
एनसीपी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के बीच बैठक ने भी राजनीतिक हलचल मचा दी है। हालांकि, जयंत पाटिल ने सफाई दी कि यह बैठक सांगली जिले के मुद्दों पर चर्चा के लिए थी, न कि राजनीति से जुड़ी। उन्होंने कहा,
“मैंने अपने क्षेत्र से जुड़े कामों के लिए मुलाकात की। मेरे साथ एक प्रतिनिधिमंडल भी था, और यह बैठक महज 25 मिनट चली। इसमें कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।”
लेकिन, इस बैठक के बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या एनसीपी (एसपी) और बीजेपी के बीच कोई नया समीकरण बन सकता है? इससे पहले भी जयंत पाटिल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ एक मंच साझा कर चुके हैं, जिससे राजनीतिक चर्चाएं और तेज हो गई थीं।
संजय राउत की फडणवीस की तारीफ से सियासी हलचल
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने Maharashtra मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि फडणवीस ने ‘फिक्सरों’ को मंत्रियों के ओएसडी या पीएस नहीं बनने दिया, और उन्होंने महाराष्ट्र के खजाने की लूट को रोका।
राउत ने कहा कि Maharashtra कैबिनेट मंत्रियों के लिए भेजे गए 125 नामों में से फडणवीस ने 109 को मंजूरी दी, लेकिन 16 नामों को खारिज कर दिया क्योंकि वे या तो किसी जांच का सामना कर रहे थे या प्रशासनिक हलकों में ‘फिक्सर’ के रूप में जाने जाते थे।
उन्होंने आगे कहा, “हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जो फैसले राज्य के हित में हैं, उन्हें हम समर्थन देते हैं। फडणवीस ने राज्य की लूट को रोकने का काम किया है।”
Maharashtra की सियासत में नए गठजोड़ के संकेत?
इन घटनाओं के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में नए गठबंधन के कयास लगाए जाने लगे हैं। एक ओर एनसीपी (एसपी) के नेता बीजेपी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी नेताओं की सरकार के फैसलों की तारीफ भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
क्या यह सिर्फ संयोग है, या फिर महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई पटकथा लिखी जा रही है? आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह समीकरण किस दिशा में जाते हैं।










