यह सब होने के बावजूद, रेलवे के कुछ नियम पुराने थे। जो बदलाव की आवश्यकता थी। रेलवे टिकट कैंसिलेशन पर भी यही नियम था। इससे रेलवे बहुत पैसा कमाया। लेकिन यात्रियों को बहुत नुकसान हुआ। अब रेलवे ने वेटिंग टिकट कैंसिलेशन के खर्चों पर नियम बदल दिए हैं। चलिए पूरी जानकारी प्राप्त करें।
टिकट कैंसिलेशन शुल्क में परिवर्तन
भारतीय रेलवे ने यात्रियों को बहुत सहूलियत देने वाला नया बदलाव किया है। अब आरएसी टिकट कैंसिलेशन और वेटिंग में रेलवे से अलग से शुल्क नहीं लिया जाएगा। रेलवे ने नए नियमों के अनुसार, वेटिंग या RAC में होने वाली टिकटों से अतिरिक्त सर्विस चार्ज नहीं वसूला जाएगा।
नए नियमों के तहत ₹60 अब काटे जाएंगे। जिसमें बात की जाए तो स्लीपर ₹120 देगा। यही कारण है कि थर्ड एसी टिकट कैंसिल करने पर ₹180 का चार्ज लगेगा। सेकंड एसी टिकट कैंसिल करने पर 200 रुपये का चार्ज कटेगा। 200 रुपये वहीं पहले AC पर 240 रुपये मिलेंगे
पहले सर्विस चार्ज
रेलवे ने पहले वेटिंग और आरएसी टिकट या अन्य टिकटों को कैंसिल करने पर सर्विस चार्ज और कन्वीनियंस शुल्क वसूले। रेलवे का राजस्व भी कई करोड़ रुपये था। इसलिए यात्रियों का नुकसान वहीं हुआ। लेकिन अब रेलवे ने शुल्क निर्धारित किए हैं।
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आरटीआई के बाद निर्णय
झारखंड के गिरिडीह निवासी सुनील कुमार खंडेलवाल, एक सोशल वर्कर और आरटीआई कार्यकर्ता हैं। उन्होंने आरटीआई लगाकर टिकट कैंसिलेशन शुल्क की शिकायत की। उन्होंने शिकायत की कि रेलवे सिर्फ टिकट कैंसिल करने से करोड़ों रुपये कमाई करता है।
जो यात्रियों को काफी नुकसान पहुंचा रहा है। उनका कहना था कि एक टिकट 190 रुपए की बुकिंग की गई थी। जो वेटिंग में थी, लेकिन कैंसिलेशन के बाद उसके रेलवे ने सिर्फ 95 रुपए की रिफंड दी। रेलवे के नए निर्णय से यात्रियों को सुविधा मिलेगी।