Satara: गुजरात के अहमदाबाद में GST के मुख्य आयुक्त चंद्रकांत वाल्वी ने महाबलेश्वर के निकट कंदाटी घाटी में 620 एकड़ जमीन हड़प ली है। सामाजिक कार्यकर्ता सुशांत मोरे ने ये आरोप लगाए हैं। मोरे ने यह भी चेतावनी दी कि वे 10 जून से Satara में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे अगर जिलाधिकारी ने इस मामले में प्रशासन के सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई नहीं की।
मुल्शी का उदाहरण बनाया गया?
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुशांत मोरे ने कहा कि अब मुल्शी, जिले में सबसे दूरस्थ और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील कंदाटी घाटी का मॉडल बन गया है। ये एक चौंकाने वाला तथ्य है।
गुजरात GST कमिश्नर का परिवार
Satara नंदुरबार के निवासी और फिलहाल गुजरात के अहमदाबाद में GST के मुख्य आयुक्त चंद्रकांत वाल्वी ने अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर महाबलेश्वर में झाडानी गांव का पूरा गांव खरीद लिया है। इससे 620 एकड़ जमीन हड़पने की भयानक सच्चाई सामने आई है। यहाँ अक्सर महत्वपूर्ण कानूनों का उल्लंघन होता है, जैसे पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986, वन (संरक्षण) अधिनियम, 1976 और वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972। यह चिंताजनक है।
कानूनों की अवज्ञा
इन कानूनों के उल्लंघन से पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन खतरे में हैं। जैव विविधता का नुकसान, वायु और जल प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन इन उल्लंघनों के गंभीर परिणाम हैं।
Breaking 🚨
The GST Commissioner of Gujarat bought the entire village near Mahabaleshwar (district Satara) along with 620 acres of land by intimidating local villagers.
Appeal to all the people of Maharashtra who love this state, how long are you willing to support Anti… pic.twitter.com/I4WXNKuSSM
— Priyamwada (@PriaINC) May 17, 2024
अवैध खनन और निर्माण
सुशांत मोरे ने बताया कि झाडानी गांव सह्याद्री टाइगर रिज़र्व के बफर क्षेत्र में है। वन्यजीव प्राकृतिक रूप से इस घने जंगल में सुरक्षित रहते हैं। झाडानी में एक पुनर्वासित किसान से मुलाकात करने पर उन्होंने बताया कि अब जब आपका पुनर्वास हो गया है तो सरकार आपके पैतृक गांव की जमीन ले लेगी। हम बदला देंगे। वे कहते हैं कि हम आपको भुगतान करेंगे, क्योंकि वे 8,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से जमीन हड़प ली है। 35 एकड़ के प्लॉट क्षेत्र में एक बड़ा जंगल रिसॉर्ट परियोजना बन रही है।
Satara प्रशासन की असंतोष
आजकल आंतरिक क्षेत्रों में अनधिकृत निर्माण, खुदाई, पेड़ों की कटाई, अवैध सड़कों और वन सीमा से बिजली की आपूर्ति के कारण पर्यावरण को बहुत नुकसान हुआ है। पिछले तीन वर्षों से पड़ोस में बड़े पैमाने पर खुदाई और अवैध निर्माण हो रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि प्रशासन के किसी भी व्यक्ति को इसकी सूचना नहीं दी गई। यह बताता है कि तहसीलदार तालथी यहां कभी नहीं घूमते।
गुजरात के मंत्री से संबंध
सुशांत मोरे ने कहा कि चर्चा है कि गुजरात के एक बड़े नेता का झाडानी भूमि माफिया से करीबी संबंध है। यहां इतना बड़ा अनधिकृत रिसॉर्ट उसी नेता के आशीर्वाद से बनाया जा रहा है।
प्रश्न और चुनौतियां
यह मामला प्रशासन की भूमिका, भूमि हड़पने और पर्यावरण संरक्षण के बारे में कई प्रश्न उठाता है। इस मामले में सख्त कार्रवाई और दोषी को सजा मिलनी चाहिए। इसके अलावा, सरकार को ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।