SC On Kolkata Rape Case : घटनास्थल को संरक्षित करने में क्यों हुई देरी…गुस्साए सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार से लापरवाही का मांगा जवाब

कोलकाता रेप कांड के खिलाफ बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर, गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को एक पत्र जारी कर बताया है कि राज्य में सीआईएसएफ कर्मियों की तैनाती की जाएगी।

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SC On Kolkata Rape Case : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या का मामला इन दिनों काफी तूल पकड़ चुका है। बुधवार (21 अगस्त, 2024) को केंद्र सरकार ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा सौंपने का निर्देश दिया। इस बारे में समाचार एजेंसी पीटीआई को आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी।

सूत्रों के अनुसार, सीआईएसएफ बल अस्पताल के छात्रावासों की भी सुरक्षा करेगा और एक सशस्त्र टीम जल्द ही तैनात की जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिया है। उप महानिरीक्षक (डीआईजी) स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में सीआईएसएफ की टीम ने सुबह उस अस्पताल का निरीक्षण किया, जहां नौ अगस्त को 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था, जिनके साथ बलात्कार के बाद हत्या की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट को हुआ सबूत मिटाए जाने का अंदेशा

चीफ जस्टिस ने कहा कि डायरी की एंट्री से पता चलता है कि क्राइम सीन को पोस्टमार्टम के बाद संरक्षित किया गया। जज ने बार-बार टाइमलाइन को लेकर सवाल उठाए और जस्टिस पारदीवाला ने सिब्बल से कहा कि उनकी सफाई स्वीकार करने लायक नहीं है। चीफ जस्टिस ने यह भी उल्लेख किया कि अननेचुरल डेथ की एंट्री भी रात 11:30 बजे की गई थी। कपिल सिब्बल ने जवाब में कहा कि यह एंट्री पुलिस अधिकारी के पुलिस स्टेशन वापस पहुंचने के बाद की गई थी।

जज ने कहा कि घटनास्थल पर कई महत्वपूर्ण सुराग थे, लेकिन उसे संरक्षित करने में काफी देर की गई। सिब्बल ने कहा कि नियमों के अनुसार घटनास्थल का मजिस्ट्रेट ने मुआयना किया और उसकी वीडियोग्राफी भी की गई। जज ने सवाल उठाया कि घटनास्थल को संरक्षित करने में इतनी देर क्यों की गई और अहम सबूतों के मिट जाने का खतरा है।

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