Tihar: दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दो जून को ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल जाना होगा। रविवार को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए दी गई राहत की 21 दिन की अवधि समाप्त हो जाएगी। उधर, ट्रायल कोर्ट ने 5 जून तक उनकी अंतरिम जमानत सुरक्षित रखने का निर्णय लिया।
इस बीच, केजरीवाल ने जेल से बाहर निकलने के कई असफल प्रयास किए। चिकित्सा जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की। शीर्ष अदालत ने चिकित्सा जांच कराने के आधार पर उनकी अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने की मांग को खारिज करते हुए उन्हें ट्रायल कोर्ट जाने को कहा।
मुख्यमंत्री केजरीवाल का आज का कार्यक्रम
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज सुबह जेल जाने से पहले एक्स पर एक पोस्ट पोस्ट किया है। उन्हें लिखा गया था कि मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव प्रचार के लिए 21 दिन बाहर आया था। मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट का बहुत आभारी हूँ।
उसने आगे लिखा कि आज मैं तिहाड़ जाएगा और सरेंडर करूँगा। दोपहर तीन बजे घर छोड़ दूंगा। मैं पहले राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देना चाहता हूँ। कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर जाऊँगा, वहां से हनुमान का आशीर्वाद लेने के लिए। पार्टी कार्यालय जाकर सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलूँगा। वहां से मैं फिर तिहाड़ जाऊंगा। आगे लिखा कि आप सभी का ध्यान रखना चाहिए। जेल में मैं आप सबकी चिंता करता रहूँगा। यदि आप प्रसन्न रहेंगे तो जेल में आपका केजरीवाल भी प्रसन्न होगा। जय हिंद!
बीते दिन ट्रायल कोर्ट में सुनवाई हुई थी
शनिवार को ट्रायल कोर्ट के विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने उनकी अंतरिम जमानत पर निर्णय सुरक्षित रखते हुए 5 जून की तारीख दी। केजरीवाल रविवार को आत्मसमर्पण करेंगे, इसलिए उनके वकील ने जज से शनिवार को फैसला सुनाने की गुजारिश की। हालाँकि, अदालत के जज ने उनकी अपील खारिज कर दी। न्यायाधीश ने कहा कि यह अंतरिम जमानत की मांग नहीं है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत का विस्तार है, इसलिए फैसला 5 जून को ही सुनाया जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री को शीर्ष अदालत ने 2 जून को तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करना होगा।
केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट में दो याचिकाएं दी हैं। एक मामले में नियमित जमानत की मांग की गई है, जबकि दूसरे मामले में चिकित्सा के कारण सात दिनों की अंतरिम जमानत की मांग की गई है। 7 जून को उनकी नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।
10 मई को अंतरिम 21 दिन की जमानत मिली थी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 10 मई को लोकसभा चुनाव में भाग लेने के लिए शीर्ष अदालत ने 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी। 2 जून, आखिरी चरण के चुनाव के अगले दिन, उन्हें सरेंडर करने का आदेश दिया गया था।
21 दिनों में चार राज्यों में प्रचार किया गया
इन 21 दिनों में, केजरीवाल ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली और महाराष्ट्र में सुप्रीम राहत का लाभ उठाते हुए प्रचार किया।
पूरी तरह से प्रचारित हुए, फिर अचानक बीमार हो गए: ED
ईडी के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान कहा कि केजरीवाल ने 21 दिनों की छुट्टी के दौरान पूरे समय प्रचार किया। मिनट या दो मिनट नहीं, घंटों तक प्रचार किया गया था। जब समय खत्म होने लगा, तो वे भी अचानक बीमार होने लगे, इसलिए उनकी जांच की जरूरत पड़ी।
प्रेस कान्फ्रेंस में झूठ बोल: मेहता
मेहता ने अदालत को बताया कि शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कान्फ्रेंस करके लोगों को गुमराह करने वाले बयान दिए। मैं 2 जून को सरेंडर करने के लिए दोपहर 3 बजे के आसपास घर से निकलूंगा, उन्होंने कहा। मैं झुकूंगा नहीं, भले ही वे मुझे इस बार अधिक परेशान करें। जेल में मेरी दवाइयां बंद कर दी गईं। गिरफ्तारी के बाद मेरे वजन में छह किलो की गिरावट आई। जेल छोड़ने के बाद वजन नहीं बढ़ा। डॉक्टरों ने बहुत सारी जांच करने की सलाह दी है।
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यदि जांच की जरूरत हो तो हम एम्स में करेंगे: ED
ईडी ने कहा कि केजरीवाल मेडिकल जांच में देरी करके न्यायालय को धोखा देना चाहते हैं। जेल में किसी जांच की जरूरत पड़ी तो हम सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। उन्हें एम्स या किसी दूसरे अस्पताल में ले जाएंगे अगर जरूरत पड़ी। Mehta ने कहा कि किसी व्यक्ति की किडनी फेल हो सकती है अगर वह टीवी पर दावा करता है कि वह मर सकता है। 25 मई से अब तक उसने कोई जांच भी नहीं की? पूरी व्यवस्था को मनोरंजन के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता। यह केजरीवाल का व्यवस्था के साथ खेल है, जो स्वीकार नहीं किया जा सकता।