मंत्रालय ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए, इसे पूरी तरह से जांचने के लिए CBI को सौंपा जा रहा है। यह सब कुछ तब हुआ जब एनटीए ने कम्प्यूटरीकृत परीक्षा प्रारूप को छोड़कर एक ही दिन में परीक्षा कराने का फैसला किया। यह पांच साल बाद फिजिकल नेट परीक्षा का पहला मौका था।
परीक्षा रद्द होने से क्या होगा?
यूजीसी नेट परीक्षा रद्द होने से पीएचडी प्रवेश कार्यक्रम पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा, क्योंकि भारत भर के विश्वविद्यालय नेट स्कोर पर निर्भर हैं। लेकिन मंत्रालय ने कहा कि जल्द ही एक नई परीक्षा होगी और इसकी जानकारी अलग से दी जाएगी।
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18 जून को UGC NET परीक्षा हुई
ध्यान दें कि यूजीसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा वर्ष में दो बार पीएचडी प्रवेश, सहायक प्रोफेसरशिप और जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) प्रदान करने के लिए आयोजित की जाती है। 18 जून को यह परीक्षा हुई, जिसमें 1,200 केंद्रों पर 908,580 उम्मीदवारों ने भाग लिया था और 83 विषयों की परीक्षा OMR शीट पर हुई थी।
गृह मंत्रालय के इस विभाग से सूचना मिली
शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा के 24 घंटे बाद ही बताया कि भारत के उच्च शिक्षा नियामक यूजीसी को गृह मंत्रालय के तहत इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (ICCCC) की नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट से कुछ जानकारी मिली है। “इन इनपुट से प्रथम दृष्टया संकेत मिलता है कि इस परीक्षा की गोपनियता से समझौता किया गया है,” मंत्रालय ने एक बयान में कहा।