UP Breaking : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने शनिवार को एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्वासन से समस्या का समाधान नहीं होगा।
मायावती ने केंद्र सरकार से संसद का सत्र बुलाकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में क्रीमीलेयर की स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने कांग्रेस, भाजपा और अपना दल की सरकार वाले राज्यों से भी आरक्षण की स्थिति स्पष्ट करने की अपील की। मायावती ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में उचित तरीके से पैरवी नहीं की।
केंद्र का सत्र बुलाने की रखी मांग
BSP प्रमुख मायावती(UP Breaking) ने आज की प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी कार्यालय में मीडिया कर्मियों से बातचीत की। जहां पर उन्होंने एससी-एसटी वर्ग के लोगों को आरक्षण के मुद्दे पर अपनी राय रखी और आगे की कार्य योजना को सभई के समक्ष साझा किया। आपको बता दें कि मायावती ने स पर अपनी बात रखते हुए मोदी सरकार को घेरा और कहा कि, एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आया है उस पर केंद्र सरकार को लगता है कि सिर्फ आश्वासन देने से काम चल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है।
इसके आगे मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति साफ नहीं की है। उसे इस विषय में संसद का एक सत्र बुलाकर स्थिति को साफ करना चाहिए। इसके साथ ही वो बोलीं कि अगर पीएम की नीयत साफ है तो उनको संसद का सत्र समय से पहले स्थगित नहीं करना चाहिए। उन्हें विशेष सत्र बुलाना चाहिए और आरक्षण को लेकर पूरी तरह से तस्वीर को साफ करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आना चाहिए बिल
मायावती ने बातचीत में आगे कहा कि केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर संसद में बिल लेकर आना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
एससी-एसटी समुदाय के सभी लोग आज खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं। क्रीमीलेयर के बहाने आरक्षण को खत्म करने की साजिश हो रही है।