बीजेपी नेताओं से दूरी बनाए रखने का संकेत
अखिलेश यादव का पूरा फोकस 2027 के विधानसभा चुनाव पर है। वे बीजेपी नेताओं के साथ (UP News) अपने बने माहौल को बिगाड़ना नहीं चाहते हैं। पश्चिम यूपी के एक वरिष्ठ सपा नेता जब एक बीजेपी नेता को लेकर अखिलेश से मुलाकात कराने पहुंचे, तो सपा प्रमुख ने मिलने से इनकार कर दिया और अपने नेता को दोबारा ऐसा न करने की नसीहत दी। अखिलेश यादव ने इस प्रकार अपने नेताओं को सख्त संदेश देने के साथ-साथ राजनीतिक मैसेज भी दिया है।

बागियों की वापसी के दरवाजे बंद
राज्यसभा चुनाव के दौरान सपा से बगावत कर बीजेपी खेमे में शामिल होने वाले (UP News) विधायकों की वापसी के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं। अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि बगावत करने वाले विधायकों को दोबारा पार्टी में लेने की पैरवी करने वाले नेता को भी बाहर का रास्ता दिखा देंगे। इस साल फरवरी में सपा के 8 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के साथ खड़े होकर बगावत की थी। इन विधायकों में मनोज पांडेय, अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह, राकेश कुमार पांडेय, पूजा पाल, विनोद चतुर्वेदी, आशुतोष मौर्य और महाराजी प्रजापति शामिल थे।
जयंत चौधरी के साथ गठबंधन नहीं
2022 में आरएलडी और सपा मिलकर चुनाव लड़ी थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने आरएलडी को 7 सीटें देने के लिए तैयार थे, लेकिन जयंत चौधरी ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया। पश्चिमी यूपी में (UP News) सपा का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा और आरएलडी भी अपने कोटे की दोनों सीटें जीतने में सफल रही थी। अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि उनके पास जयंत चौधरी को देने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए वे उन्हें वापस लेने के मूड में नहीं हैं। फिलहाल अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ मिलकर ही 2027 के विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं।