UP News: जेल से रिहा होते ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने एक बड़ा घोषणापत्र जारी किया: ‘यहां से निकलते ही मैं…’

News: हाईकोर्ट से बेल मिलने के बाद पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह को बरेली जेल से रिहा कर दिया गया है। रिहा होने के बाद भी पूर्व सांसद ने अपनी पत्नी के समर्थन में चुनाव मैदान में आने का ऐलान किया।

News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह की जमानत मंजूर की। हाईकोर्ट से बेल मिलने के बाद वे अब बरेली जेल से रिहा हो गए हैं। लेकिन कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी। इसलिए वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। लेकिन उन्होंने जेल से बाहर आते ही महत्वपूर्ण घोषणा की है।

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दर्जनों गाड़ी समर्थकों के साथ रवाना

जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बरेली सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है। इस दौरान उनके बहुत से समर्थक जेल के बाहर मौजूद थे। धनंजय सिंह को जेल से बाहर आते ही उनके प्रशंसकों ने उनका उत्साहपूर्ण स्वागत किया। धनंजय सिंह ने फिर दर्जनों गाड़ी के काफिले के साथ बरेली से जौनपुर की ओर रवाना हो गए हैं.

धनंजय सिंह को जेल से रिहा करने के बाद उनके समर्थक हर्षोल्लास से झूम उठे. उसके बाद, धनंजय सिंह एक बड़े काफिले के साथ जौनपुर चले गए। जेल में देर रात उनकी रिहाई का परवाना आया, जिसके बाद आज सुबह वे बाहर आ गए।

मीडिया से क्या बोले

बरेली जेल से बाहर आते ही धनंजय सिंह ने मीडिया से कहा, “सहयोगी के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।” मैं जमानत पर आ गया हूँ। मैंने एक मामले में सजा का खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। मेरे ऊपर फर्जी मुकदमा लगाया गया था। यह नमामी गंगे और भ्रष्टाचार का मामला था।’

जौनपुर के पूर्व सांसद ने कहा, ‘उस मामले में मुझे सजा दी गई थी। मैं माननीय उच्च न्यायालय से बेल मिली है। आप सभी को बहुत धन्यवाद। आप लोगों ने समाज को अच्छी बातें बताने का काम किया है। मैं अभी अपने क्षेत्र में जाऊंगा क्योंकि मेरी पत्नी बीएसपी से चुनाव लड़ रही हैं।’

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दर्जनों की गाड़ी के काफिले ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बरेली जेल से रिहा किया, उनके समर्थकों के साथ

इस मामले में सात वर्ष की सजा

हाईकोर्ट की एकमात्र बेंच, न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह, ने पिछले शनिवार को पूर्व सांसद की जमानत पर यह निर्णय सुनाया था। नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण में पूर्व सांसद और एक अन्य को जौनपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई थी।

निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर आपराधिक पुनरीक्षण अपील में सजा को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। हाईकोर्ट का निर्णय आने से पहले ही उन्हें शनिवार सुबह आठ बजे जौनपुर जिला कारागार से बरेली जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। पुलिस ने कहा कि शासन ने उन्हें शिफ्ट किया था।

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