Uttar Pradesh: शस्त्र लाइसेंस केस में मऊ (Uttar Pradesh) के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है. फर्जी तरीके से 35 साल पहले दोनाली बंदूक का लाइसेंस लेने के मामले में एमपी-एमएलए न्यायाधीश अवनीश गौतम की अदालत ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है. सजा के लिए 13 मार्च की तारीख कोर्ट की तरफ से निर्धारित कर दी गई है.
12 मार्च को अंसारी होगी सजा
इस केस को लेकर बचाव पक्ष की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसले के लिए 12 तारिख तय कर दी है. आज सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी को दोषी मान लिया गया है. कोर्ट ने बताया है कि कल यानी की 13 तारीख को इस मामले पर सजा सुनाई जाएगी.
मुख्तार अंसारी के खिलाफ यह तीसरा मुकदमा है जिसे लेकर अदालत सजा सुनाएगी. इसके पहले अवधेश राय हत्याकांड और कोयला व्यवसायी के भाई महावीर प्रसाद रुगंटा को धमकाने के मामले में अदालत सजा सुना चुकी है.
क्या है पूरा लाइसेंस मामला
मुक्तार अंसारी पर आरोप है कि 10 जून 1987 को मुख्तार ने दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया था. जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर के माध्यम से गलत अनुमोदन प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया गया था.
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इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 4 दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाने में तत्कालीन उपजिलाधिकारी मुख्तार अंसारी समेत पांच अन्य और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इसके बाद से इस मामले में कार्रवाई जारी है.