Uttar Pradesh: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव (चाचा) को 22 फरवरी को (Uttar Pradesh) बदायूँ सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया था. वह 21 दिनों तक अनुपस्थित रहे. हालांकि स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर वह बदायूं नहीं आए. इसके बाद उनके चुनाव की बागडोर उनके बेटे आदित्य को सौंप दी गई थी.
दो बार कार्यक्रम रद्द होने के बाद चाचा के टिकट को लेकर जिले में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. टिकट बदलने को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई. हालांकि, गुरुवार सुबह उन चर्चाओं पर शिवपाल यादव ने विराम लगा दिया है.
शिवपाल यादव ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
शिवपाल सिंह यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने कहा कि आज मैं बदायूँ में जनसंपर्क यात्रा पर हूँ, इस क्षेत्र से मेरा दशकों पुराना निजी रिश्ता है, मेरे मन में बदायूँ से जुड़ी कई कहानियाँ और यादें हैं.
अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में शकील बदायूंनी की एक शायरी भी लिखी-
आज से बदायूं लोकसभा क्षेत्र में जनसम्पर्क हेतु यात्रा पर हूं।
मेरा इस क्षेत्र से दशकों पुराना आत्मीय रिश्ता है।
मन में बदायूं से जुड़े ढेरों किस्से और यादें हैं।शकील बदायूनी साहब के शब्दों में…
कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है,
रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है।— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) March 14, 2024
कैसे कह दूं कि मुलाकात नहीं होती हैं,
रोज मिलते हैं मगर बात नहीं होती है.
1996 से 2009 तक सपा का था कब्जा
बदायूं सीट परंपरागत रूप से समाजवादी पार्टी (सपा) का गढ़ माना जाता रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि 1996 से 2009 तक लगातार छह बार यह सीट सपा के ही कब्जे में रही है. हालांकि, 2019 के चुनाव में सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को बीजेपी प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य से हार का सामना करना पड़ा था. अब एक बार फिर से सपा के लिए बदायूँ सीट पक्की करने के लिए शिवपाल सिंह यादव मैदान में उतर गए हैं.