WAQF BOARD: वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट ने वक्फ एक्ट में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दी है। वक्फ एक्ट में संशोधन करने वाला बिल इसी हफ्ते संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार वक्फ एक्ट संशोधन बिल 5 अगस्त को संसद में पेश कर सकती है। संसद में इस बिल के पास होने के बाद WAQF BOARD के अधिकारों में कटौती हो जाएगी। वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने से परहेज करेंगे। ऐसे में आइए जानते हैं मोदी सरकार के बिल में क्या होगा…?
पिछले साल मई में दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि केंद्र सरकार उन 123 संपत्तियों का भौतिक निरीक्षण कर सकती है, जिनके कब्जे का दावा दिल्ली वक्फ बोर्ड ने किया है। इसके बाद पिछले साल अगस्त में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इन सभी संपत्तियों को नोटिस भी जारी किया था। इस समय देशभर के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 वक्फ बोर्ड हैं।
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मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित प्रमुख संशोधनों में शामिल हैं:
- वक्फ बोर्डों का पुनर्गठन:
- वक्फ एक्ट की धारा 9 और धारा 14 में संशोधन
- वक्फ बोर्डों की संरचना में बदलाव
- महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना
- संपत्ति सत्यापन:
- वक्फ बोर्ड द्वारा वक्फ की संपत्ति घोषित करने से पहले उसका सत्यापन अनिवार्य
- स्टेट वक्फ बोर्डों द्वारा दावा की गई विवादित जमीन के नए सत्यापन की मांग
- सेंट्रल वक्फ काउंसिल और स्टेट वक्फ बोर्ड:
- 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 वक्फ बोर्ड
सरकार WAQF BOARD की शक्ति कम करेगी
इस बिल के जरिए मोदी सरकार वक्फ बोर्ड के उस अधिकार पर अंकुश लगाना चाहती है, जिसके तहत वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर देता है। बिल में वक्फ बोर्ड की शक्ति कम करने की बात कही गई है। सरकार वक्फ बोर्ड का दावा प्रमाणित करने पर विचार कर रही है। जिन संपत्तियों को बोर्ड और मालिकों के बीच विवाद है, उनका भी सत्यापन किया जा सकता है।
1954 में पारित हुआ था WAQF BOARD अधिनियम
वक्फ बोर्ड के पास देशभर में 8.7 लाख से ज्यादा संपत्तियां हैं, जो 9.4 लाख एकड़ में फैली हुई हैं। वक्फ अधिनियम 1954 में पारित हुआ था। 1995 में वक्फ अधिनियम में संशोधन किया गया और वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार दिए गए। इसके अनुसार, अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर दावा करता है, तो वह उसकी संपत्ति मानी जाएगी। तब से अब तक इसमें कई बदलाव किए गए हैं।