Yogi Adityanath Vs Keshav Maurya: यूपी बीजेपी में हलचल मची हुई है। नेता एक दूसरे पर हमला बोल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अखिलेश यादव मानसून ऑफर दे रहे हैं कि ‘सौ लाओ, सरकार बनाओ’। साफ है कि सत्ता पक्ष में मचे घमासान पर विपक्ष भी कटाक्ष करने से बाज नहीं आ रहा है। लोकसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी परेशान है। प्रदेश अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर हार की जिम्मेदारी ली है, लेकिन यूपी के नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। केशव प्रसाद मौर्य अकेले नहीं हैं। उनसे पहले भी बीजेपी और उसके सहयोगी दल के नेता अप्रत्यक्ष रूप से योगी पर जुबानी तीर चला चुके हैं। आइए देखते हैं कि वो कौन से नेता हैं जो लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद मुखर हुए हैं।
केशव प्रसाद मौर्य
केशव प्रसाद मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सबसे मुखर होकर आवाज उठाई है। केशव ने बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में साफ कहा कि ‘7 कालिदास मार्ग (लखनऊ में केशव मौर्य का आवास) कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा खुला है। कार्यकर्ता का दर्द मेरा दर्द है। संगठन सरकार से बड़ा है। केशव मौर्य के इस बयान के बाद केंद्रीय नेतृत्व को हस्तक्षेप करना पड़ा। भूपेंद्र चौधरी के साथ केशव मौर्य को दिल्ली तलब किया गया और फिर अंदरूनी कलह को छिपाने की कोशिश की गई। अभी तक केंद्रीय नेतृत्व से केशव मौर्य को सिर्फ यही आश्वासन मिला है कि प्रदेश में उपचुनाव के बाद योगी मंत्रिमंडल और संगठन में बदलाव होगा। देखना यह है कि केशव मौर्य को क्या मिलता है।
ओम प्रकाश राजभर
लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद अगर किसी ने सीधे तौर पर योगी और मोदी को हार का जिम्मेदार ठहराया तो वह एनडीए के सहयोगी ओम प्रकाश राजभर थे। नतीजों के बाद ओम प्रकाश राजभर ने सीधे तौर पर कहा था कि जनता ने योगी और मोदी को नकार दिया है। आपको बता दें कि ओम प्रकाश राजभर के बेटे घोसी लोकसभा सीट से उम्मीदवार थे, लेकिन हार गए।
अनुप्रिया पटेल
एनडीए की एक और सहयोगी अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को पत्र लिखकर सरकारी नौकरियों में पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण को सही तरीके से लागू करने की बात कही थी।
संजय निषाद
यूपी में एनडीए के एक और सहयोगी संजय निषाद ने लोकसभा चुनाव में हार के लिए केंद्रीय नेतृत्व पर उंगली उठाई थी। निषाद ने कहा था कि संविधान को लेकर नेताओं के गलत बयान और अति आत्मविश्वास के कारण हार हुई। 400 प्लस के नारे पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता भी हार की वजह रही।
आशीष पटेल
अनुप्रिया पटेल के पति और यूपी सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने लोकसभा चुनाव (Yogi Adityanath) नतीजों के बाद कहा था कि पिछड़े समुदाय की समस्याओं का समाधान न होना यूपी में एनडीए की हार की बड़ी वजह है। उन्होंने कहा था कि चाहे 69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला हो या अन्य मुद्दे… इनका समाधान समय रहते हो जाना चाहिए था। साफ है कि आशीष पटेल अप्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साध रहे थे।
सुनील भराला
बीजेपी सिर्फ योगी-मोदी को निशाना नहीं बना रही है। सुनील भराला यूपी के पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं। सुनील भराला ने केशव मौर्य की बात को दोहराते हुए कहा कि संगठन की भी बड़ी जिम्मेदारी है। इसलिए संगठन को भी अपनी हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हार के लिए माननीय प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।