लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। मैं इधर-उधर की बात नहीं करता। साफ-सुथरी राजनीति करता है। सीधी बात करता हूं। अपने दुश्मनों से भी प्यार करता हूं। राजनीति को कभी कमाई का जरिए नहीं समझा। राजनीति के लिए कभी अपने विरोधियों पर आरोप नहीं लगाए। जनता के बीच रहता हूं। जनता की बातों को सुनता हूं। जनता के सुख-दुख का सारथी बनता हूं। यही वजह है कि पाटनक्षेत्र के लोग मुझ पर विश्वास करते हैं। मुझे वह नेता जी कहकर पुकारते हैं। मुझे अखिलेश यादव अच्छे लगते हैं। सपा प्रमुख अच्छे इंसान हैं। चह सनातनी हैं। अखिलेश यादव खुद सैफई में भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर बनवा रहे हैं। ये बातें पाटनक्षेत्र के दबदबे वाले नेता बृजभूषण शरण सिंह के हैं, जो उन्होंने दीपावली पर्व पर मीडिया के साथ बातचीत के दौरान कहे।
कैसरगंज से पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह इनदिनों खासा सुर्खियों में हैं। जब से सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनकी मुलाकात हुई, तब से दंगल के पहलवान बीजेपी के लिए सियासी जमीन तैयार करने में जुटे हैं। उनका हेलीकॉप्टर देश के कई शहरों में हरदिन लैंड कर रहा है। बृजभूषण शरण सिंह खुलकर बोलते हैं। डंके की चोट पर सनातन की बात करते हैं। जातिवादी शब्द के खात्में की वकालत कर विरोधी दलों को घेरते हैं। कुछ ऐसा ही बयान बृजभूषण शरण सिंह ने दीया विवाद पर दिया है। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और राहुल गांधी की तुलना की है। दीपावली के मौके पर अपने पैतृक आवास विश्नोहरपुर में बृजभूषण शरण ने जनता दर्शन किया। इसके बाद मीडिया से बातचीत की। पूर्व सांसद ने मीडियाकर्मियों को दीपावली की बधाई देने के बाद दीया विवाद पर बड़ी बात कही।
अब हम आपको बताते हैं कि बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह को अखिलेश यादव को क्यों सनातनी कहना बड़ा। दरअसल, दीपावली को लेकर समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने दीपावली पर बड़ा बयान दिया था। अखिलेश ने कहा था कि दीपोत्सव फिजूलखर्ची है, सनातन और हिंदू धर्म को क्रिसमस से सीख लेनी चाहिए। जिसके बाद बीजेपी के अलावा साधू-संतों ने अखिलेश यादव पर जुबानी हमला बोल दिया। इसी को लेकर बृजभूषण शरण भी बोले। उन्होंने कहा कि लगता है कि अखिलेश जी के पास भी सलाहकार गलत आ रहे हैं। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि अखिलेश खुद सनातनी है। कृष्ण भगवान का मंदिर बनवा रहे हैं। उनके न कहने से कुछ नहीं होने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी को जैसे कुछ सलाहकार मिल गए और सनातन समाज से उनको एकदम अलग थलग कर दिया। लगता है उसी में से कोई अखिलेश यादव के पास आ गया है।
बृजभूषण शरण सिंह ने आगे कहा कि ये परंपराएं, ये त्योहार, इसको कोई बदल नहीं सकता है। किसी समाज का त्योहार कोई नहीं बदल सकता है। बृजभूषण सिंह ने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे रोजा-इफ्तार पूरे देश में होता है, क्या उसको बंद किया जा सकता है। क्या होली-दीपावली के त्योहार को बंद किया जा सकता है। ये परंपराएं आज की नहीं, आदिकाल की हैं। हर युग में ये होता रहा है और हर युग में होता रहेगा। ऐसे बयान से अखिलेश यादव को बचना चाहिए। भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह ने अखिलेश यादव को सलाह दी कि जनभावना से टकराने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम विरोध करना है, लेकिन विरोध करने के चक्कर में ये लोग सनातन का और देश का विरोध करने लगे हैं। भारत और सनातन आदिकाल से चले आ रहे हैं। दिवाली त्रेतायुग से मनाई जा रही है। ऐसे में देश के नेताओं को बयान देने से पहले सौ बार सोचना चाहिए।
बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि विरोध करना ठीक है, लेकिन हर बात का विरोध करना नुकसानदेह है। ये किसी पार्टी का विरोध नहीं है। एक तरीके से यह जनभावना का अनादर है और जनभावना से टकराने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। बिहार में माथे से तिलक साफ करते हुए प्रशांत किशोर का वीडियो वायरल हो रहा है। क्या यह दर्शाता है कि वह सनातनी नहीं है। इसके जवाब में भारतीय कुश्ती संघ पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण ने कहा कि किसी के सर्टिफिकेट देने से कुछ नहीं होता है। जो सनातन है वह सनातन है। अब टीका उन्होंने क्यों मिटा दिया, इसका जवाब वही दे सकते हैं। दिल्ली में पटाखे जलाने की अनुमति मिलने के बाद वायु प्रदूषण में तेजी आई है। इस पर बृजभूषण सिंह ने कहा कि संयोग से कभी-कभी मैं हेलीकॉप्टर से चलता हूं। जिस तरीके से पराली जलाई जा रही है और ये एक जगह नहीं हर जगह जलाई जा रही है।
बृजभूषण शरण सिंह ने आगे कहा, जब तक स्थानीय स्तर पर पराली रोकने का इंतजाम नहीं होगा। किसानों को समझाया नहीं जाएगा। इसका नुकसान नहीं बताया जाएगा, तब तक ठंड के शुरुआत में वायु प्रदूषण से मुक्ति नहीं मिलेगी। बृजभूषण ने कहा कि जब आप हवाई जहाज से यात्रा करते हैं तो धुंध दिखाई नहीं पड़ता है। लेकिन, जब आप हेलीकॉप्टर से यात्रा करते हैं तो धुआं दिखाई पड़ता है। यह समस्या एक जगह से नहीं है, हर जगह से हैं। पटाखा का परमिशन दिया है तो उससे क्या? पटाखा तो एक बहाना है। पटाखे से बहुत कुछ होने वाला नहीं है। पराली जलाने से रोकने की जिम्मेदारी जिले और थाने के हिसाब से होनी चाहिए। पूर्व सांसद ने कहा कि पटाखे त्रेतायुग में जलाए गए थे। जब भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे तो पूरे अवध में आतिशबाजी हुई थी। पटाखों से प्रदूषण नहीं फैलता।