Tuesday, November 11, 2025
  • Login
News1India
  • राष्ट्रीय
  • देश
  • बिहार चुनाव 2025
  • विदेश
  • राज्य ▼
    • दिल्ली
    • हरियाणा
    • राजस्थान
    • छत्तीसगढ़
    • गुजरात
    • पंजाब
  • क्राइम
  • टेक्नोलॉजी
  • धर्म
  • मौसम
  • ऑटो
  • खेल
🔍
Home धर्म

Buddha Purnima: संस्कार, आध्यात्मिकता और नैतिकता सिखाने वाले असरदार संस्कृत श्लोक जो बच्चों को सिखाएं

इन सरल श्लोकों के ज़रिए हम अपने बच्चों को संस्कार, आध्यात्मिकता और नैतिकता सिखा सकते हैं। ये उन्हें अंदर से मजबूत और अच्छा इंसान बनाएंगे।

SYED BUSHRA by SYED BUSHRA
May 12, 2025
in धर्म
491
SHARES
1.4k
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

 Sanskrit shlokas for children गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी में शाक्य राजकुमार के रूप में हुआ था। उन्होंने संसार के दुखों को देखकर घर त्याग दिया। ध्यान और तपस्या के बाद बोधगया में ज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने अहिंसा, करुणा और मध्यम मार्ग का उपदेश दिया। उनका जीवन मानवता की सेवा को समर्पित था।

असरदार सरल संस्कृत श्लोक

बुद्ध पूर्णिमा का दिन सिर्फ भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को याद करने का नहीं, बल्कि अपने बच्चों को सही दिशा देने का भी अवसर है। आज के समय में जब डिजिटल दुनिया बच्चों की सोच और जीवनशैली को प्रभावित कर रही है, ऐसे में हमें ज़रूरत है कि हम उन्हें आध्यात्मिक और नैतिक शिक्षा भी दें। इसी कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसे आसान और असरदार श्लोक लेकर आए हैं, जो आप अपने बच्चों को सिखा सकते हैं।

RELATED POSTS

No Content Available

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुव: स्व:
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो न: प्रचोदयात्।

मतलब:हम उस भगवान से प्रार्थना करते हैं, जो इस सृष्टि को बनाने वाला है। हम चाहते हैं कि वो हमारी बुद्धि को सही रास्ता दिखाए और हमें अच्छे काम करने की प्रेरणा दे।

यह मंत्र सूर्य देवता को समर्पित है और इसे ऋगवेद से लिया गया है।

गुरु मंत्र

गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु
गुरु देवो महेश्वरः
गुरु साक्षात् परम ब्रह्मा
तस्मै श्री गुरवे नमः।

मतलब:गुरु ही ब्रह्मा, विष्णु और शिव के समान हैं। गुरु ही सबसे बड़ा ज्ञान है। हम ऐसे गुरु को नमन करते हैं।

असतो मा सद्गमय मंत्र

ॐ असतो मा सद्गमय
तमसो मा ज्योतिर्गमय
मृत्योर्मामृतं गमय।

मतलब:हे भगवान! मुझे झूठ से सच्चाई की ओर ले चलो, अंधेरे से रोशनी की ओर और मृत्यु से अमरता की ओर ले जाओ।

सर्वे भवन्तु सुखिनः
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु
मां कश्चिद् दुःख भाग भवेत्।

मतलब:सभी लोग खुश रहें, सभी लोग स्वस्थ रहें, सभी लोग अच्छा देखें और किसी को भी दुख न मिले।

त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देव देव।

मतलब:हे भगवान! आप ही मेरे माता-पिता हैं, आप ही मेरे दोस्त और रिश्तेदार हैं। आप ही मेरा ज्ञान और धन हैं। आप ही मेरे सब कुछ हैं।

श्रीमद्भगवद्गीता से श्लोक

यदा यदा हि धर्मस्य
ग्लानिर्भवति भारत
अभ्युत्थानमधर्मस्य
तदात्मानं सृजाम्यहम्।

मतलब:जब-जब धरती पर धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब मैं खुद को प्रकट करता हूं।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। news1india इन मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता है। यहां पर दी गई किसी भी प्रकार की जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य ले लें।

Tags: BuddhaPurnimaSanskritShlokas
Share196Tweet123Share49
SYED BUSHRA

SYED BUSHRA

Related Posts

No Content Available
Next Post
UP

UP में शिक्षा का नया अध्याय: एक साथ खुलेंगे 71 राजकीय महाविद्यालय, 1562 पदों को मिली सैद्धांतिक मंजूरी

Indian cities named after demons

Religious News : कैसे यह शहर है बुराई परअच्छाई के साक्षी, क्यों पड़ा इन शहरों का नाम राक्षसों के नामों पर

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

News1India

Copyright © 2025 New1India

Navigate Site

  • About us
  • Privacy Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • देश
  • बिहार चुनाव 2025
  • विदेश
  • राज्य
    • दिल्ली
    • हरियाणा
    • राजस्थान
    • छत्तीसगढ़
    • गुजरात
    • पंजाब
  • क्राइम
  • टेक्नोलॉजी
  • धर्म
  • मौसम
  • ऑटो
  • खेल

Copyright © 2025 New1India

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

Go to mobile version