BIS Action on Amazon & Flipkart : बीआईएस ने जब्त किया करोड़ों का बिना सर्टिफिकेट वाला सामान,भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अब ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। खबर है कि BIS इन दोनों कंपनियों पर केस दर्ज करने जा रहा है। मार्च 2025 में BIS ने इन कंपनियों के वेयरहाउसों पर छापा मारा था, जिसमें करीब 36 लाख रुपये का ऐसा सामान मिला था जिस पर BIS का सर्टिफिकेशन नहीं था।
गैर-बीआईएस सामान बेचने पर भारी जुर्माना संभव
BIS अधिनियम 2016 के अनुसार, ब्यूरो को अधिकार है कि वह बिना सर्टिफिकेट वाले प्रोडक्ट्स को जब्त करे और कंपनियों से 10 गुना तक मुआवजा मांगे। यानी अगर 36 लाख का सामान जब्त हुआ है तो BIS कोर्ट में 3.6 करोड़ रुपये तक का मुआवजा मांग सकता है। मामला सबसे पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट में दायर किया जाएगा।
क्या-क्या सामान हुआ जब्त?
BIS की टीमों ने अमेजन और फ्लिपकार्ट के गोदामों में छापेमारी कर जो सामान जब्त किया, उसमें शामिल थे:
इंसुलेटेड फ्लास्क
फूड कंटेनर
मेटल बोतलें
सीलिंग फैन
बेबी डायपर
कैसरोल
स्टील हॉटपॉट
स्टेनलेस स्टील पानी की बोतलें
चेन्नई में अमेजन के वेयरहाउस से 3000 से ज्यादा ऐसे प्रोडक्ट मिले जिन पर BIS मार्क नहीं था। वहीं, फ्लिपकार्ट के गोदाम से 286 पैक बेबी डायपर, 36 बॉक्स कैसरोल, 26 स्टील बोतलें और 10 इंसुलेटेड बोतलें जब्त की गईं।
BIS का काम क्या होता है?
BIS उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाली एक सरकारी संस्था है। इसका काम है देश में बेचे जाने वाले उत्पादों के लिए तय मानकों का पालन कराना। BIS यह देखता है कि बाजार में बिकने वाला कोई भी उत्पाद ग्राहकों की सुरक्षा और गुणवत्ता से समझौता न करे।
क्यों जरूरी है BIS का सर्टिफिकेशन?
BIS सर्टिफिकेट यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी उत्पाद सुरक्षा और गुणवत्ता के तय मानकों पर खरा उतरता है। बिना BIS मार्क वाला प्रोडक्ट नकली या खतरनाक हो सकता है। यही वजह है कि अनिवार्य उत्पादों पर यह सर्टिफिकेट होना जरूरी है।
अब आगे क्या होगा?
अगर अदालत में BIS की बात सही साबित होती है, तो अमेजन और फ्लिपकार्ट को भारी भरकम मुआवजा देना पड़ सकता है। साथ ही, इस मामले में दोनों कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई भी संभव है।