Adani Group : एशिया के सबसे बड़े कारोबारी समूहों में से एक, अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने आज घोषणा की कि उनका समूह वायर और केबल उद्योग में अपनी नई एंट्री करेगा। यह घोषणा करते हुए उन्होंने बताया कि अडानी ग्रुप इस क्षेत्र में निवेश करेगा और अगले कुछ महीनों में इसके विस्तार की योजना तैयार करेगा। हालांकि, अडानी के इस ऐलान के बाद, देश के प्रमुख वायर और केबल निर्माता कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है।
अडानी का वायर और केबल बिजनेस में कदम
गौतम अडानी ने यह जानकारी दी कि अडानी ग्रुप ने वायर और केबल उद्योग में प्रवेश करने का फैसला किया है, जो भारत के सबसे तेज़ी से बढ़ते और प्रतिस्पर्धी क्षेत्रों में से एक माना जाता है। अडानी ग्रुप का कहना है कि वे इस क्षेत्र में अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाएंगे और इसके जरिए देश के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी पहचान बनाएंगे।
ग्रुप के प्रवक्ता ने बताया कि अडानी ग्रुप इस व्यवसाय में नवीनतम तकनीकी नवाचार और गुणवत्ता मानकों के साथ प्रवेश करेगा। उनका उद्देश्य भारतीय बाजार में प्रमुख स्थान हासिल करना है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करना है।
Polycab और KEI Industries के शेयरों में गिरावट
गौतम अडानी की इस घोषणा के बाद, प्रमुख वायर और केबल निर्माताओं Polycab और KEI Industries के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। आज के व्यापारिक सत्र के दौरान, Polycab के शेयर 7% से अधिक गिरकर 2000 रुपये के नीचे आ गए, जबकि KEI Industries के शेयर 5% से अधिक नीचे पहुंचे। विश्लेषकों का मानना है कि अडानी ग्रुप के इस कदम से इन कंपनियों पर दबाव बढ़ सकता है, क्योंकि अडानी का नाम पहले से ही देश के बड़े कारोबारियों में शामिल है और उनकी वित्तीय क्षमता को देखते हुए प्रतिस्पर्धा में आने से बाजार में उलटफेर हो सकता है।
बाजार विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अडानी ग्रुप का वायर और केबल उद्योग में प्रवेश उद्योग के लिए एक बड़ा कदम है, जो न केवल निवेशकों के लिए एक नई चुनौती पैदा कर सकता है, बल्कि इस क्षेत्र में हो रहे नवाचार और प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा देगा। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, क्योंकि पोलिकैब और KEI इंडस्ट्रीज जैसे कंपनियों के पास पहले से मजबूत उपभोक्ता आधार और ब्रांड पहचान है।
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अडानी ग्रुप के विस्तार की रणनीति
अडानी ग्रुप की योजना है कि वह देश के बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और बिजली के क्षेत्र में निवेश बढ़ाए। उनका कहना है कि वायर और केबल उद्योग के विस्तार से न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा, बल्कि यह उनके समूह के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। अडानी ग्रुप पहले से ही ऊर्जा, पोर्ट्स और एडुकेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश कर चुका है, और अब वे वायर और केबल क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तैयार हैं।
आगे क्या होगा?
यह देखा जाना बाकी है कि अडानी ग्रुप इस नए व्यापारिक क्षेत्र में कितना प्रभावी ढंग से कदम रखता है और इसकी प्रतिस्पर्धा Polycab और KEI Industries जैसी कंपनियों के लिए किस प्रकार के परिणाम लेकर आती है। निवेशकों को आने वाले महीनों में इस क्षेत्र की स्थिति पर नजर बनाए रखने की सलाह दी जा रही है।
गौतम अडानी के इस फैसले ने एक बार फिर से भारतीय कारोबार जगत में हलचल मचा दी है, और यह तय करेगा कि आने वाले समय में वायर और केबल उद्योग किस दिशा में अग्रसर होगा।