Gold Rate Today : अक्षय तृतीया इस वर्ष 30 अप्रैल को मनाई जाएगी, जिसे हिंदू संस्कृति में अत्यंत शुभ और फलदायी दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सोने की खरीदारी करने से जीवन में वर्ष भर सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। धार्मिक आस्था के साथ-साथ लोग इसे एक मजबूत निवेश विकल्प भी मानते हैं। इसी कारण इस खास दिन पर सोने के आभूषण, बर्तन और सिक्के खरीदने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है।
इस साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिका की टैरिफ नीतियाँ और केंद्रीय बैंकों द्वारा बड़े पैमाने पर सोने की खरीदारी जैसे कारणों से सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। ऐसे में अगर आप भी अक्षय तृतीया पर गोल्ड में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो सोने की शुद्धता को लेकर सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
खरीदारी के दौरान शुद्धता की जांच न भूलें
अक्षय तृतीया जैसे शुभ अवसर पर जब ज्वेलरी शॉप्स में ग्राहकों की भीड़ उमड़ती है, तो जल्दी में खरीदी गई वस्तुओं में गुणवत्ता जांचना मुश्किल हो जाता है। अक्सर भीड़-भाड़ और जल्दबाज़ी में लोग बिना जांचे-परखे सोना खरीद लेते हैं, जिससे बाद में उन्हें ठगी का सामना करना पड़ सकता है। सोने की असल शुद्धता जानने के लिए सरकार ने ‘BIS Care App’ लॉन्च किया है, जिसे प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
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इस ऐप के ज़रिए ग्राहक हॉलमार्क और ISI मार्क की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए ग्राहक को बस सोने पर अंकित हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (HUID) दर्ज करना होता है, जो छह अंकों का एक अल्फान्यूमेरिक कोड होता है। ‘Verify HUID’ फीचर की मदद से आप यह जान सकते हैं कि आपका खरीदा गया सोना प्रमाणिक है या नहीं।
शुद्धता के बाद लगती है कीमत
कैरेट के झंझट को समझें सही से
सोने की शुद्धता को लेकर सबसे ज़्यादा भ्रम कैरेट के स्तर पर होता है। 24 कैरेट गोल्ड को सबसे शुद्ध माना जाता है, लेकिन इसकी नाजुकता के कारण इसका उपयोग आभूषण बनाने में नहीं किया जाता। यह आमतौर पर सिक्कों या गोल्ड बार के रूप में बेचा जाता है। गहनों के लिए सबसे उपयुक्त 22 कैरेट गोल्ड होता है, जिसकी शुद्धता लगभग 91.6% होती है। इसके अलावा, बाजार में 18 कैरेट और 14 कैरेट सोना भी उपलब्ध होता है, जिनकी शुद्धता क्रमशः कम होती है।