Real Estate Market : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का गहरा असर शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार पर साफ तौर पर दिखा। दिनभर के कारोबार में भारी उतार-चढ़ाव के बाद निफ्टी 24,000 के नीचे फिसल गया, जबकि सेंसेक्स में भी 1,200 अंकों तक की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर तो और भी ज्यादा दबाव देखने को मिला।
शुक्रवार को कारोबार समाप्त होने पर निफ्टी50 207.35 अंक (0.86%) टूटकर 24,039.35 पर बंद हुआ, जबकि बीएसई सेंसेक्स 588.90 अंक (0.74%) गिरकर 79,212.53 पर आकर रुका। ब्रॉडर मार्केट में मिड कैप और स्मॉल कैप इंडेक्सों में लगभग 2.5% से 3% तक की गिरावट रही। बीएसई स्मॉल कैप इंडेक्स 1,261.81 अंक (2.56%) गिरकर 48,005.62 पर और बीएसई मिड कैप इंडेक्स 1,061.78 अंक (2.44%) टूटकर 42,528.71 पर बंद हुआ। इस बीच, निफ्टी आईटी इंडेक्स में थोड़ी मजबूती देखने को मिली।
हालांकि, अमेरिकी बाजारों ने बीती रात मजबूती दिखाई थी, जिससे उम्मीद की जा रही थी कि एशियाई बाजार और खासकर भारत का बाजार भी तेजी दिखाएगा। लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच बिगड़ते रिश्तों के चलते बाजार पर भारी दबाव हावी रहा। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने एक समय पर करीब 1,200 अंक गंवा दिए थे, हालांकि क्लोजिंग तक बाजार ने कुछ हद तक अपनी गिरावट संभाली।
सिंधु जल के साथ शिमला समझौते पर भी पड़ा असर
भारत ने पाकिस्तान के साथ ऐतिहासिक सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया है। इसके अलावा, भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश भी जारी कर दिया। जवाबी कदम के तहत पाकिस्तान ने भी 1972 के शिमला समझौते को निलंबित करने की घोषणा कर दी है। शिमला समझौता 3 जुलाई 1972 को भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच हुआ था। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच शांति बहाल करना और विवादों को आपसी बातचीत से सुलझाना था।
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इसमें यह भी तय हुआ था कि कश्मीर सहित सभी मुद्दों को द्विपक्षीय वार्ता के जरिए सुलझाया जाएगा। Alphaniti Fintech के सह-संस्थापक और निदेशक यू. आर. भट्ट ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि पहलगाम की घटना के बाद शेयर बाजार में घबराहट का माहौल बन गया है। हाल ही में बाजार में जो तेजी आई थी, वह अमेरिका में संभावित टैरिफ बढ़ोतरी के डर से आई गिरावट के बाद देखने को मिली थी। अब निवेशक मुनाफावसूली कर रहे हैं और स्थिति स्पष्ट होने तक सतर्कता बरत रहे हैं।
बैंकिंग पर दिखा सबसे ज़्यादा दबाव
शुक्रवार को खबर लिखे जाने तक बाजार के सभी सेक्टर्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। बैंकिंग सेक्टर पर सबसे ज्यादा दबाव देखने को मिला। गौरतलब है कि पिछले सत्र में निफ्टी 50 ने अप्रैल सीरीज के समापन पर 655 अंकों की जोरदार बढ़त दर्ज की थी। मई सीरीज की शुरुआत शुक्रवार से हुई, जिसमें 1,150 करोड़ शेयरों के साथ रिकॉर्ड ओपन इंटरेस्ट दर्ज किया गया। ओपन इंटरेस्ट में यह तेजी बाजार में लॉन्ग बिल्डअप और शॉर्ट कवरिंग के संकेत दे रही है, लेकिन फिलहाल बाजार का मूड नाजुक बना हुआ है।