Big relief price reduction in vegetables : दिसंबर 2024 से आलू, प्याज, और लहसुन का नया सीजन शुरू हो रहा है। इस समय खेतों में अगली फसल तैयार है, और इसकी आवक मंडियों में धीरे-धीरे बढ़ रही है। हालांकि, दिसंबर से इनकी बड़ी मात्रा में आवक शुरू होगी, जिससे इनके बाजार भाव पर असर पड़ेगा।
कीमतों में गिरावट का असर
अभी से इन फसलों की कीमतों में थोड़ी गिरावट दर्ज हुई है। नया आलू मंडियों में आते ही दो रुपए प्रति किलो तक सस्ता हुआ है। उत्तर प्रदेश से आलू की आपूर्ति बढ़ने से इसका थोक मूल्य 21 से 22 रुपए प्रति किलो हो गया है। नए लोकल आलू की नीलामी 3100 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर हुई है।
सरकार का हस्तक्षेप और प्याज की स्थिति
प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने 4.7 लाख टन बफर स्टॉक बनाया था। इसमें से 1.5 लाख टन प्याज पहले ही बाजार में भेजा जा चुका है। इससे राज्यों में प्याज की कीमतों पर स्थिरता आई है। दिल्ली-एनसीआर और अन्य राज्यों में भी प्याज की आपूर्ति के लिए नए रेक मंगवाए गए हैं।
प्याज की बुवाई में वृद्धि
इस साल प्याज की खरीफ बुवाई में 34% की वृद्धि हुई है। कृषि विभाग के मुताबिक, 3.82 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ प्याज की बुवाई हुई है। अधिक बुवाई और बफर स्टॉक के इस्तेमाल से उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर प्याज उपलब्ध होने की उम्मीद है।
मंडी के भाव पर विशेषज्ञों की राय
आने वाले दिनों में आलू, प्याज और लहसुन की कीमतों में नरमी देखने को मिलेगी। वर्तमान में, पुराना आलू 40 रुपए किलो, प्याज 40 रुपए किलो, और लहसुन 300 रुपए किलो बिक रहा है। नया आलू और प्याज जल्द ही बड़ी मात्रा में बाजार में आएंगे, जिससे इनके दाम कम होंगे।
मालवा का आलू क्यों महंगा है?
मालवा क्षेत्र का आलू विशेष रूप से चिप्स बनाने वाली कंपनियों के लिए प्रसिद्ध है। इसकी गुणवत्ता और स्वाद के कारण कंपनियां इसे सीधे खेत से खरीद लेती हैं। इस वजह से मालवा का आलू हमेशा महंगे दाम पर बिकता है।
मौजूदा मंडी भाव
आलू (प्रति क्विंटल): चिप्स 4000-4400, ज्योति 3000-3400, एवरेज 2600-2700
प्याज: 3000-3400 (पुराना 3800-4200)
लहसुन: सुपर बोल्ड 25000-26000, मीडियम 20000-22000