Reserve Bank of India : भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक बुधवार से मुंबई में शुरू हो गई है। इस बैठक में नीतिगत ब्याज दरों को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे, जिनकी घोषणा 6 जून को केंद्रीय बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा की जाएगी। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब देश में महंगाई दर में लगातार गिरावट देखी जा रही है। संख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में भारत की खुदरा महंगाई दर 3.16 प्रतिशत पर आ गई है, जो मार्च के 3.34 प्रतिशत से कम है।
चूंकि यह दर 4 प्रतिशत से कम बनी हुई है, इसलिए एमपीसी इस पहलू को ध्यान में रखते हुए नीतिगत फैसले कर सकती है।भारतीय स्टेट बैंक की ताजा रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि आरबीआई इस बैठक में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, जो 50 आधार अंकों तक हो सकती है। एसबीआई का मानना है कि इस कटौती से क्रेडिट सर्कुलेशन को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर ब्याज दरों में कुल 100 आधार अंकों तक की कटौती संभव है।
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फरवरी और अप्रैल में हो चुकी है ब्याज दरों में कमी
इससे पहले फरवरी और अप्रैल 2025 की एमपीसी बैठकों में ब्याज दरों में क्रमशः 25-25 आधार अंकों की कटौती की गई थी। फरवरी में रेपो रेट 6.5 प्रतिशत से घटकर 6.25 प्रतिशत हुआ था, जबकि अप्रैल में इसे 6.25 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया। लगातार दो बार ब्याज दरों में कमी और महंगाई में नरमी के बीच इस बैठक पर विशेषज्ञों की नजरें टिकी हुई हैं। इस बैठक के फैसले से आर्थिक गतिविधियों और वित्तीय बाजारों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।