Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को आम जनता को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत (25 बेसिस पॉइंट्स) की कटौती का ऐलान किया। लगभग पांच साल बाद आरबीआई ने यह फैसला लिया है जिससे होम लोन, कार लोन और अन्य कर्ज सस्ते हो जाएंगे। इससे करोड़ों लोगों की ईएमआई का बोझ भी कम होगा।
6.25% हुआ रेपो रेट
जून 2023 के बाद पहली बार रेपो रेट (Repo Rate) में बदलाव करते हुए इसे 6.50% से घटाकर 6.25% कर दिया गया है। RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की तीन दिवसीय बैठक 5 फरवरी से शुरू हुई थी जिसका अंतिम दिन आज 7 फरवरी को था। बैठक समाप्त होने के बाद RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में कटौती की घोषणा की। इससे पहले आखिरी बार मई 2020 में कोविड महामारी के दौरान RBI ने रेपो रेट में 0.40% की कटौती की थी ताकि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके।
सस्ता होगा कर्ज, EMI में मिलेगी राहत
रेपो रेट में कटौती का सीधा फायदा बैंकों से लोन लेने वाले ग्राहकों को मिलेगा। अब होम लोन, कार लोन और अन्य लोन पर ब्याज दरें कम हो जाएंगी जिससे ईएमआई पर बोझ कम होगा। बैंकों से लिए जाने वाले कर्ज के सस्ते होने से रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल और अन्य सेक्टर्स को भी बढ़ावा मिलेगा।
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RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा की बड़ी बैठक
यह बैठक आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में हुई। 11 दिसंबर 2024 को उन्होंने आरबीआई के 26वें गवर्नर के रूप में पदभार संभाला था। पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास के इस्तीफे के बाद संजय मल्होत्रा को यह जिम्मेदारी दी गई थी। शक्तिकांत दास ने 12 दिसंबर 2018 को RBI गवर्नर का पद संभाला था और 6 वर्षों तक इस पद पर रहे।
अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
RBI के इस फैसले से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और कर्ज की लागत कम होगी। अब यह देखना होगा कि बैंक इस कटौती का लाभ ग्राहकों तक कब और कितनी जल्दी पहुंचाते हैं। वहीं बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में ब्याज दरों में और कटौती संभव हो सकती है। यह फैसला आम जनता, उद्योग जगत और निवेशकों के लिए एक बड़ा राहत भरा कदम माना जा रहा है। अब देखना होगा कि इसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजारों पर कितना जल्दी और किस हद तक पड़ता है।