Sahara refund process update-नई दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को जानकारी दी कि 28 फरवरी 2025 तक सहारा ग्रुप की कोऑपरेटिव सोसायटीज़ के करीब 12.97 लाख जमाकर्ताओं को ₹2,314.20 करोड़ की राशि वापस की जा चुकी है। यह भुगतान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत शुरू किए गए CRCS-Sahara Refund Portal के माध्यम से किया जा रहा है।
लोकसभा में एक लिखित जवाब में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश (29 मार्च 2023) के तहत निवेशकों के लिए यह रिफंड पोर्टल 18 जुलाई 2023 को लॉन्च किया गया था। इस पोर्टल के जरिए निवेशक अपनी जमा राशि की वापसी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
किन सोसायटी के निवेशकों को मिल रहा रिफंड?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, सहारा ग्रुप की चार मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटीज़ के निवेशकों को पैसा लौटाया जा रहा है। ये चार सोसायटीज़ हैं।
सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, लखनऊ
सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पस सोसायटी लिमिटेड, भोपाल
हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, कोलकाता
स्टार्स मल्टीपर्पस कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, हैदराबाद
डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया से हो रहा भुगतान
अमित शाह ने बताया कि पूरी रिफंड प्रक्रिया डिजिटल और पेपरलेस है, जिससे निवेशकों को बिना किसी परेशानी के उनका पैसा मिल सके। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आर. सुभाष रेड्डी की निगरानी में यह प्रक्रिया पूरी हो रही है और गौरव अग्रवाल (एमिकस क्यूरी) इसमें सहायता कर रहे हैं। आवेदन को ठीक से सत्यापित करने के बाद ही भुगतान किया जा रहा है।
हर सही पाए गए जमाकर्ता को आधार से जुड़े बैंक खाते के जरिए अधिकतम ₹50,000 तक की राशि लौटाई जा रही है। अगर किसी आवेदन में कोई कमी पाई जाती है, तो उसे सुधारकर दोबारा जमा करने का मौका दिया जाता है। इसके लिए 15 नवंबर 2023 को एक रीसबमिशन पोर्टल भी शुरू किया गया था।
समयसीमा बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 की गई
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा निवेशकों को रिफंड देने की समयसीमा बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 कर दी है। यानी, जिन निवेशकों को अब तक पैसा नहीं मिला है, वे अपना दावा सुधारकर दोबारा जमा कर सकते हैं और रिफंड प्राप्त कर सकते हैं। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ लागू की जा रही है, ताकि सभी निवेशकों को उनका पैसा आसानी से मिल सके।