US Tariff Delay : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ को 90 दिनों के लिए टालने का फैसला भारतीय निर्यातकों के लिए एक जबरदस्त मौका बन गया है। इस छूट का फायदा उठाने के लिए भारत के कई एक्सपोर्टर्स अभी से ही तेजी से अमेरिका को अपना सामान भेजने में जुटे हैं। खास तौर पर जेम्स एंड ज्वेलरी (रत्न और आभूषण), फुटवियर और गारमेंट (कपड़े) जैसे सेक्टर इसमें सबसे आगे हैं।
सरकार से समर्थन की अपील
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) के चेयरमैन एस.सी. रल्हन ने सरकार से अपील की है कि वह ऐसे सेक्टरों में काम करने वाले मैन्युफैक्चरर्स को तुरंत मदद दे, जिनकी निर्यात क्षमता ज्यादा है। उन्होंने बताया कि कुछ कंपनियां इस 90 दिन की छूट का पूरा फायदा उठाने के लिए बहुत तेज़ी से प्रोडक्शन कर रही हैं और सामान भेज रही हैं।
अमेरिका को क्या-क्या भेज सकता है भारत?
चीन से अमेरिका को जो चीज़ें निर्यात की जाती हैं, उनमें इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, कंप्यूटर, मशीनों के पार्ट्स, इलेक्ट्रिक बैटरियां, खिलौने, फर्नीचर, कपड़े और जूते शामिल हैं। अब जब इन पर हाई टैरिफ लग चुका है, तो भारत के पास इनकी सप्लाई करने का एक बेहतरीन मौका है। रल्हन के मुताबिक भारत को इन सभी सेक्टरों में एक्सपोर्ट बढ़ाने पर ज़ोर देना चाहिए।
लॉजिस्टिक और कर्ज की दिक्कतें दूर करनी होंगी
रल्हन ने ये भी कहा कि भारत को एक्सपोर्ट में अपनी पकड़ मज़बूत करनी है तो लॉजिस्टिक्स यानी माल ढुलाई से जुड़ी दिक्कतें और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमजोरियों को दूर करना जरूरी है। साथ ही छोटे कारोबारियों के लिए सस्ते और आसान लोन की सुविधा भी उपलब्ध करानी चाहिए, जिससे वे भी इस मौके का फायदा उठा सकें।
कब तक है टैरिफ में छूट
9 अप्रैल को अमेरिका ने भारत पर लगने वाले 26% अतिरिक्त आयात शुल्क को फिलहाल 90 दिनों के लिए टाल दिया है। यानी अब यह छूट 9 जुलाई तक रहेगी। इस बीच कई निर्यातक तेजी से ऑर्डर पूरे कर माल भेजने की कोशिश में लगे हैं।
भारत में चीनी सामान की डंपिंग का डर
हालांकि कुछ भारतीय कंपनियां इस बात को लेकर चिंतित हैं कि चीन और वियतनाम जैसे देशों से सस्ते सामान की बाढ़ भारत में ना आ जाए। इसको देखते हुए सरकार ने एक अंतर-मंत्रालयी निगरानी टीम बनाई है जो आयात पर नजर रखेगी। घरेलू इंडस्ट्री को डर है कि टैरिफ की वजह से दूसरे देश भारत में अपना माल डंप कर सकते हैं, जिससे घरेलू बाजार पर असर पड़ सकता है।