Carbide Gun देसी जुगाड़ बना जानलेवा , किसने मचाया कहर,दीपावली पर मचा हाहाकार, सैकड़ों बच्चे घायल

दीपावली पर देसी जुगाड़ से बनी कार्बाइड गन ने भोपाल, विदिशा, ग्वालियर और इंदौर में तबाही मचा दी। सैकड़ों बच्चे घायल हुए, कई की आंखों की रोशनी चली गई। अब प्रशासन एक्शन में है।

M P News: दीपावली की खुशियों के बीच इस बार एक खतरनाक खेल ने कई परिवारों की मुस्कान छीन ली। देसी तरीके से बनाई गई “कार्बाइड गन” अब पूरे मध्य प्रदेश में कहर बन चुकी है। भोपाल, विदिशा, ग्वालियर और इंदौर में अब तक 200 से ज़्यादा बच्चे घायल होकर अस्पताल पहुंच चुके हैं। कई मासूमों की आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई, वहीं कुछ के चेहरे बुरी तरह झुलस गए।

सोशल मीडिया से शुरू हुआ खतनाक ट्रेंड

दीपावली से कुछ दिन पहले इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर “ग्रीन पटाखा” बताकर इस कार्बाइड गन को ट्रेंड किया जा रहा था। वीडियो में इसे मज़ेदार और स्टाइलिश अंदाज़ में दिखाया गया, जिससे बच्चों और युवाओं में इसे आज़माने की होड़ लग गई। शहरों में कुछ लोगों ने सड़क किनारे इसकी छोटी दुकानें भी लगा लीं। पानी भरे पाइप में कैल्शियम कार्बाइड डालकर जब उसमें लाइटर से आग लगाई जाती, तो ज़ोरदार धमाका होता। इसी धमाके ने कई जिंदगियां तबाह कर दीं।

डॉक्टर भी हैरान, आंखों की सर्जरी में जुटी टीम

भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर कविता कुमार और उनकी टीम ने कई गंभीर मरीजों की आंखों की सर्जरी की। 13 साल के आरिश और 26 साल के प्रशांत की आंखें इतनी बुरी तरह झुलस गई थीं कि डॉक्टर भी चौंक गए। एम्नियोटिक झिल्ली प्रत्यारोपण और लिम्बल स्टेम सेल ट्रांसप्लांट जैसी जटिल सर्जरी से उनकी आंखों की रोशनी बचाने की कोशिश की गई। इंदौर में भी 12 साल के एक बच्चे की तुरंत सर्जरी करनी पड़ी।

एक पिता की पीड़ा: “बस खेल समझकर खरीद ली थी”

भोपाल के एक पिता ने बताया, “बेटे की ज़िद पर सोमवार को ही कार्बाइड गन खरीदी थी। शाम को उसने खेल-खेल में गन चलाई। कुछ धमाकों के बाद जब वह बंद हुई तो उसने फिर से पानी और कार्बाइड डाला, तभी ज़ोरदार धमाका हुआ। उसका चेहरा और आंख बुरी तरह जल गए।” 24 घंटे बाद बच्चे ने आंख खोली, लेकिन अब भी सूजन बनी हुई है।

खेतों से बाजार तक पहुंचा ‘जुगाड़’

जानकारी के अनुसार, यह गन महाराष्ट्र के किसानों ने पहले जानवरों और चिड़ियों को भगाने के लिए बनाई थी। बाद में कुछ लोगों ने इसे त्यौहार में मज़े के लिए बेचने का तरीका बना लिया। विदिशा में पकड़े गए विक्रेताओं ने बताया कि गन बनाने में सिर्फ 50 रुपये लगते थे और यह 150 से 200 रुपये में बिक जाती थी।

पुलिस ने की कार्रवाई, कई गिरफ्तार

हादसों के बाद विदिशा में पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की। विस्फोटक अधिनियम के तहत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से 228 प्लास्टिक गन और करीब चार किलो कैल्शियम कार्बाइड जब्त हुआ। प्रशासन ने सभी जिलों के एसडीएम को सख्त निर्देश दिए हैं कि ऐसी गनों की बिक्री पर तुरंत रोक लगाई जाए।

दीपावली की रात जिसने खुशियां बांटनी थीं, उसने कई घरों को मातम में बदल दिया। अब ज़रूरत है सतर्कता की, ताकि किसी मासूम की आंखों की रोशनी फिर कभी ऐसे जुगाड़ की बलि न चढ़े।

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