Central Market demolition drive : शनिवार सुबह करीब 10 बजे, सेंट्रल मार्केट में आवास विकास परिषद, पुलिस बल और नगर निगम के कर्मचारी मौके पर जुट गए। बिजली काटे जाने के कारण दुकानों में कामकाज ठप हो गया, और व्यापारी अपने-अपने स्टॉल के सामने बैठकर स्थिति पर नज़र रखने लगे।
ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पहले ही बिजली कटने के कारण कई दुकानदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। व्यापारियों ने कहा कि उन्हें कोई पूर्व सूचना या वैकल्पिक व्यवस्था नहीं दी गई थी। कई दुकानदार अपनी दुकान के अंदर बैठकर अपने सामान को बचाने की कोशिश करते नजर आए।
व्यापारी भावुक और हताश
मौके पर मौजूद व्यापारी आंसू रोक नहीं पाए। एक दुकानदार ने कहा, “बिजली काट दी, दुकानें तोड़ दीं, अब हम क्या करें? 30-35 साल की मेहनत एक झटके में मिट्टी में मिल गई।”
कुछ महिलाएं भावुक होकर बोलीं, “हमें आखिरी बार अपनी दुकानें देखने दीजिए।”
ध्वस्तीकरण की यह कार्रवाई व्यापारियों और उनके परिवारों के लिए भावनात्मक रूप से बहुत भारी साबित हुई। कई व्यापारी अपनी दुकानों के सामने बैठकर फूट-फूटकर रोते नजर आए। इस दृश्य ने मौके पर मौजूद लोगों को भी भावुक कर दिया।
सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारी
सुरक्षा कारणों से 11:30 बजे प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। आसपास बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने पूरा क्षेत्र बैरिकेडिंग कर दिया। सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई थानों की फोर्स और पीएसी तैनात की गई। इसके साथ ही एटीएस ने ड्रोन कैमरों से पूरे इलाके की निगरानी रखी।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, बिजली काटना आवश्यक था ताकि भारी मशीनों और बुलडोज़र के चलते किसी को नुकसान न पहुंचे।
ध्वस्तीकरण का कार्य और अफरा-तफरी
ध्वस्तीकरण अभियान के दौरान सेंट्रल मार्केट की करीब 22 दुकानों को तोड़ा गया। इस कारण पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। दुकानदारों ने कहा कि उनकी मेहनत और सालों की कमाई कुछ ही मिनटों में खत्म हो गई। इस कार्रवाई का आदेश पहले भी जारी हो चुका था। विशेष रूप से आवासीय भवन 661/6 में अवैध कॉम्प्लेक्स को हटाने का आदेश कई बार दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 27 अक्तूबर को होने वाली है, लेकिन प्रशासन ने पहले ही ध्वस्तीकरण शुरू कर दिया।
जेसीबी और सुरक्षा उपाय
अवैध कॉम्प्लेक्स को हटाने के लिए जेसीबी मशीन मौके पर पहुंचते ही व्यापारियों की धड़कनें तेज हो गईं। उनके परिजन मौके पर रोते-बिलखते नजर आए। अन्य बाजार व्यापारी भी स्थिति देखने के लिए इकट्ठा हो गए।
सुरक्षा के लिए फायर ब्रिगेड तैनात की गई और सेंट्रल मार्केट के चारों ओर के रास्तों को बैरिकेडिंग से बंद कर दिया गया। पूरे क्षेत्र में पुलिस बल की मौजूदगी रही, ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना न हो। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने रूट प्लान तैयार किया और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए निर्देश दिए।
व्यापारियों की प्रतिक्रिया और भविष्य की चिंता
ध्वस्तीकरण के दौरान कई व्यापारी अपने सामान को बचाने की कोशिश करते रहे, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी रही। व्यापारियों का कहना है कि यह अचानक और बिना सूचना की गई कार्रवाई थी। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि भविष्य में ऐसी कार्रवाई से पहले वैकल्पिक व्यवस्था और समय पर सूचना दी जाए। व्यापारी अब सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उनके हक़ की रक्षा हो सके।



