Reelbaz police man:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश पुलिस को अनुशासन और सेवा भावना की नई सीख दी। उन्होंने कहा कि वर्दी शक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि अनुशासन और सेवा का प्रतीक है।
सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जो भी पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर रील या वीडियो बनाते हैं, उन्हें तुरंत संवेदनशील ड्यूटी पॉइंट्स से हटाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि “वर्दी का असली मतलब दिखावा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और मर्यादा निभाना है।” उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास पुलिस के व्यवहार पर निर्भर करता है, इसलिए ड्यूटी के वक्त प्रचार या मनोरंजन की जगह सेवा और संवेदनशीलता दिखनी चाहिए।
त्योहारों पर सुरक्षा को लेकर सख्ती
सीएम योगी ने आने वाले कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली, गुरु नानक जयंती, ददरी मेला (बलिया) और गढ़मुक्तेश्वर मेला (हापुड़) की तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इन आयोजनों में लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे, इसलिए प्रशासन और पुलिस पूरी तरह सतर्क रहें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि भीड़ प्रबंधन, सफाई, सुरक्षा और यातायात व्यवस्था में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को आदेश दिया कि घाटों और मेलों में सीसीटीवी कैमरे, पर्याप्त रोशनी, मेडिकल कैंप, मोबाइल टॉयलेट और खोया-पाया केंद्र जैसी सुविधाएं अनिवार्य रूप से लगाई जाएं।
योगी ने यह भी कहा कि नदियों का जलस्तर ऊंचा होने के कारण विशेष सतर्कता बरती जाए। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें पूरी तरह सक्रिय रहें और लाइफ जैकेट के बिना किसी को भी नाव पर चढ़ने की अनुमति न दी जाए।
संवेदनशील जिलों पर नजर
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से काशी, अयोध्या, प्रयागराज, बलिया, हापुड़, मुजफ्फरनगर, अमरोहा और बदायूं जैसे जिलों पर खास निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “हर अधिकारी अपने जिले की जिम्मेदारी गंभीरता से निभाए, छोटी सी गलती भी बड़ा संकट बन सकती है।”
किसानों, खनन और गोवंश संरक्षण पर भी निर्देश
बैठक में मुख्यमंत्री ने धान खरीद, किसानों की समस्याएं, अवैध खनन और गोवंश संरक्षण की स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को समय पर उचित मूल्य मिले और बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह खत्म की जाए।
अवैध खनन पर कार्रवाई के लिए औचक निरीक्षण टीमों का गठन करने को कहा गया। साथ ही, गो-आश्रय स्थलों का निरीक्षण खुद जिलाधिकारी करें और यह सुनिश्चित करें कि वहां चारा, पानी और दवा की पूरी व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह सख्त रुख साफ संकेत देता है कि प्रदेश में अनुशासन, जिम्मेदारी और सेवा भावना से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।





